पटना: बिहार में हजारों करोड़ की राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। इन परियोजनाओं का निर्माण जारी है, लेकिन जमीन अधिग्रहण, वन विभाग की मंजूरी जैसी समस्याओं के कारण कई जगहों पर काम बाधित है। केंद्र सरकार ने आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे समेत 14 सड़क परियोजनाओं की पहचान कर राज्य सरकार को इन्हें जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख बाधाएं
- जमीन अधिग्रहण में देरी: कई परियोजनाएं जमीन अधिग्रहण की समस्याओं के कारण अटकी हैं।
- वन विभाग की मंजूरी नहीं: कुछ स्थानों पर वन भूमि उपयोग की अनुमति अभी तक नहीं मिली है।
- अन्य प्रशासनिक कारण: निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद कई परियोजनाएं शुरू नहीं हो पाई हैं।
मुख्य अटकी परियोजनाएं और उनकी समस्याएं
परियोजना का नाम | स्थान | मुख्य समस्या |
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आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे | पटना, गया, जहानाबाद | जमीन अधिग्रहण की समस्या |
मुंगेर-मिर्जाचौकी हाईवे | मुंगेर | जमीन अधिग्रहण में अड़चन |
कल्याणपुर-ताल दशहरा | समस्तीपुर | भूमि अधिग्रहण की कठिनाई |
उमगांव-सहरसा हाईवे | सुपौल, सहरसा | वन भूमि की मंजूरी नहीं |
शेरपुर-दिघवारा | सारण | जमीन अधिग्रहण की समस्या |
जंदाहा बाईपास, भभुआ बाईपास | विभिन्न जिलों | भूमि और प्रशासनिक समस्याएं |
केंद्र और राज्य सरकार का समन्वय
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने बताया कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा मासिक आधार पर की जा रही है। इसमें जिलाधिकारी और संबंधित विभागों के अधिकारियों की भागीदारी होती है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय से परियोजनाओं को गति मिलेगी।
राज्य सरकार की रणनीति
- जनवरी तक जमीन अधिग्रहण और वन विभाग की मंजूरी से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन।
- प्रत्येक परियोजना की निगरानी और तेजी से निर्णय लेने के लिए अधिकारियों को निर्देश।
नागरिकों के लिए क्या है उम्मीद
इन परियोजनाओं के पूरा होने से बिहार में यातायात सुविधा में सुधार होगा, जिससे न केवल यात्रा का समय कम होगा बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे और अन्य बाईपास परियोजनाएं बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।
आप इन परियोजनाओं के जल्द पूरा होने को लेकर क्या सोचते हैं? हमें अपने विचार बताएं!