पूरे प्रदेश में गर्मी का कहर जारी है। पारा राजधानी पटना का पारा सोमवार को 42.24 डिग्री तक पहुंच गया है। लोग गर्मी से बेहाल हैं।
सुबह दस बजे से ही धूप इतनी तीखी हो जाती है कि बाहर निकलने से पहले कई बार सोचते हैं। पछुआ हवा के कारण हर दूसरे दिन दक्षिण बिहार के अधिकतर जिलों में लोग लू की चपेट आ रहे हैं। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले 30 अप्रैल तक पारा इसी तरह बना रहेगा।
27 अप्रैल तक लू का अलर्ट
मुजफ्फरपुर में अत्यधिक गर्मी और लू को देखते हुए डीएम ने आदेश दिया है कि सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल, प्री स्कूल समेत आंगनबाड़ी केन्द्र भी 11.30 तक ही चलेंगे। डीएम ने कहा है कि अगर कोई भी शिक्षण संस्थान इस निर्धारित अवधि के बाद चलता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
30 अप्रैल तक गर्मी से राहत नहीं
भागलपुर में दो दिन पहले जहां जिले में हुई हल्की बूंदाबांदी के बाद लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली थी। दो दिन बाद ही अचानक मौसम में हुए बदलाव से लोगों को गर्मी से काफी परेशानी हो रही है।अभी मौसम में कोई बदलाव की कोई संभावना नहीं है।दिन का का तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। इस दौरान तेज पछुआ हवा चलेगी।
राज्य में लू को लेकर अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के पूर्वानुमान के मुताबिक दक्षिण बिहार के बक्सर, कैमूर, रोहतास, गया, औरंगाबाद, नवादा, भोजपुर, अरवल, पटना, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय जमुई, बांका, भागलपुर और मुंगेर वहीं उत्तर बिहार के बेगूसराय, खगड़िया में 27 अप्रैल तक लू का प्रभाव बना रहेगा।इन जगहों को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने अलर्ट जारी किया है। लोगों को सुरक्षित स्थानं पर रहने का संदेश दिया है।
गर्मी के कारण बड़ों के साथ ही बच्चों पर भी डायरिया का प्रकोप तेज हो गया है। तीखी गर्मी से ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। पटना के तीन बड़े सरकारी अस्पताल,पीएमसीएच-एनएमसीएच और आइजीआइएमएस में ज्यादातर डायरिया और क्रॉनिक लिवर डिजीज के रोगी पाए जा रहे हैं। बदलते मौसम में डायरिया के अलावा मरीजों में पेट दर्द, अपच, उलटी, एसिडिटी की शिकायत ज्यादा मिल रही है।
डॉक्टरों की माने तो तापमान में अचानक वृद्धि होने के कारण मरीज अचानक बढ़ रहे हैं। गर्मी बढ़ने के के कारण पेट की बीमारियों ज्यादा बढ़ेगी। बच्चों को धूप में बिलकुल बाहर न जाने दें और हर घंटे पर पानी पिलायें। बाहर की चीजें न खाने दें। बच्चों को उलटी और दस्त होने पर ओआरएस का घोल दें। परेशानी ज्यादा होने पर डॉक्टर की सलाह लें।