“अपराधी तो विजयी और सम्राट हो चुके हैं” – तेजस्वी का नीतीश सरकार पर तंज। तेजस्वी का सीधा वार – नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के पितामह, अपराधियों को दे रहे संरक्षण। पटना में रोज हत्याएं! तेजस्वी बोले – अपराध की साजिश उपमुख्यमंत्री के आवास से रची जा रही है। इंजीनियर के घर करोड़ों की बरामदगी, तेजस्वी ने कहा – मंत्रियों तक हैं भ्रष्टाचार की जड़ें। बिहार में 100 से ज्यादा हत्याएं, फिर भी कार्रवाई शून्य! तेजस्वी का नीतीश पर सीधा हमला। बिहार राजनीति में अपराध और भ्रष्टाचार बने मुद्दा – तेजस्वी का सरकार पर हमला तो छा गए तेजप्रताप…पहुंचे राघोपुर! बाढ़ग्रस्त गांवों में राहत सामग्री बांटकर संभाला मोर्चा@चुनावी कां-कांव, पॉलिटिकल डेस्क, देशज टाइम्स ब्यूरो।
बिहार में अपराध और राजनीति पर मचा घमासान: तेजस्वी का नीतीश पर वार
अपराध बना बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा मुद्दा
@चुनावी कां-कांव, पॉलिटिकल डेस्क, देशज टाइम्स ब्यूरो। बिहार की राजनीति ( Bihar Politics ) इस समय पूरी तरह क्राइम ( Crime in India ) के मुद्दे पर केंद्रित हो गई है। राजद (RJD) लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने हाल ही में फिर से नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए तीखे सवाल उठाए।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राजधानी पटना में रोजाना हत्याएं हो रही हैं और सरकार पूरी तरह निष्क्रिय है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि उपमुख्यमंत्री के आवास से अपराध की साजिशें रची जा रही हैं।
तेजस्वी का सीधा निशाना नीतीश-2 डिप्टी सीएम पर
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अब तक सौ से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा –
“अपराधी तो विजयी और सम्राट हो चुके हैं।”
तेजस्वी का सीधा निशाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्रियों विजय कुमार सिन्हा तथा सम्राट चौधरी पर रहा। उनका आरोप है कि सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है और आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।
उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया और उन्हें “भ्रष्टाचार का पितामह” तक कह डाला।
व्यवस्था में जड़े जमा चुकीं भ्रष्टाचार पर भी तेजस्वी का वार, नोट जलाए जा रहे हैं…अब क्या चाहिए
तेजस्वी ने हाल ही में इंजीनियर के यहां हुई छापेमारी और वहां से बरामद करोड़ों रुपये का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, जब इतनी बड़ी रकम बरामद हो रही है और यहां तक कि नोट जलाए जा रहे हैं, तब भी सरकार दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?
तेजस्वी का दावा है कि बरामद पैसों का संबंध कई मंत्रियों और शीर्ष स्तर के नेताओं से है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक मामला नहीं बल्कि व्यवस्था में जड़े जमा चुके भ्रष्टाचार की असलियत है।
राघोपुर में तेज प्रताप यादव का मोर्चा
इसी बीच तेजस्वी यादव के बड़े भाई और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव ( Tej Pratap Yadav ) अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में पूरी तरह सक्रिय हैं।
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र बाढ़ से पूर्ण तरीके से प्रभावित है, आमजनमानस का जीवन बेहद ही खराब स्थिति में है। जिसे लेकर आज मैने खुद मोर्चा संभालते हुए अपने टीम तेज प्रताप यादव के साथियों संग राघोपुर राहत सामग्री लेकर पहुंचा।#tejpratapyadav #teamtejpratapyadav #Raghopur #Flood pic.twitter.com/J1I4yWtbg6
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) September 10, 2025
राघोपुर इस समय भारी बाढ़ की चपेट में है और आमजन का जीवन संकटपूर्ण बना हुआ है। इस कठिन परिस्थिति में तेज प्रताप खुद राहत सामग्री लेकर पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों के बीच वितरण कार्य संभाला।
उनके साथ उनकी टीम “टीम तेज प्रताप यादव” के कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। प्रभावित इलाकों में मौजूद लोगों ने राहत सामग्री पाकर राहत की सांस ली, हालांकि उन्होंने राज्य सरकार से दीर्घकालिक समाधान की भी मांग की।
राघोपुर में बाढ़ का कहर, तेजप्रताप ने कहा- सरकार की लापरवाही, कोई देखे
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र, जो कि वैशाली जिला के विदुपुर प्रखंड अंतर्गत आता है, इन दिनों भीषण बाढ़ आपदा से जूझ रहा है। स्थानीय पंचायतों और गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। सैकड़ों परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं, वहीं मवेशियों और फसलों को भी भारी क्षति पहुंची है।
बाढ़ से पूरा इलाका जलमग्न, पंचायतों और गांवों में संकट गहराया, जनजीवन पूरी तरह प्रभावित
राघोपुर क्षेत्र के अधिकांश पंचायत और गांव जलमग्न हो चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार, खेत, घर और स्कूल तक पानी में डूब चुके हैं। लोगों को पीने के पानी और खाद्य सामग्री तक की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहद सीमित है।
सरकार और जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक न तो बिहार सरकार, न ही स्थानीय सांसद या विधायक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे हैं। राहत सामग्री, दवाइयां और चिकित्सा सहायता पहुंचाने का दावा केवल कागजों पर ही दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि सरकार के प्रतिनिधि केवल चुनाव के समय नज़र आते हैं, जबकि आपदा की घड़ी में लोग अकेले छोड़ दिए जाते हैं।
सामाजिक पहल से मिली मदद
ऐसे समय में कुछ स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन आगे आए हैं। उन्होंने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और राहत सामग्री के साथ मेडिकल सहायता भी प्रदान की।
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने तेज प्रताप को जब बताया, जानिए क्या कहा तेज प्रताप ने:
“जब स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या हमारे सामने रखी तो हमसे रुका नहीं गया। हमने खुद गांव-गांव जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें खाद्य सामग्री, कपड़े और दवाइयां उपलब्ध कराईं।”
ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे लोग आगे नहीं आते, तो उन्हें सरकार से किसी तरह की सहायता की उम्मीद नहीं रह जाती।
ग्रामीणों की पीड़ा और मांग
ग्रामीणों ने कहा कि वे लगातार जिला प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक नाव, राशन, स्वास्थ्य शिविर और मेडिकल टीमें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
बाढ़ प्रभावित परिवारों की प्रमुख मांगें: तत्काल राहत सामग्री की आपूर्ति, स्वास्थ्य शिविर और दवा वितरण, बाढ़ से विस्थापित परिवारों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल, प्रभावित किसानों को मुआवजा और फसल क्षति भरपाई हो।
तेज प्रताप का सरकार पर सीधा हमला
तेजप्रताप ने कहा कि भाजपा-नीतीश सरकार पूरी तरह निकम्मी साबित हो चुकी है। उनका आरोप है कि सरकार न केवल राहत पहुंचाने में विफल रही है, बल्कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने तक से बच रही है। यह सरकार जनता की समस्याओं से बेखबर हो चुकी है। बाढ़ जैसी आपदाओं में सक्रिय रहना तो दूर, सरकार कोमा में चली गई है।अब समय आ गया है कि जनता ऐसी सरकार को उखाड़ फेंके, ताकि बिहार को बार-बार पलायन और बाढ़ जैसी त्रासदी का सामना न करना पड़े।
बिहार में चुनावी एजेंडा तय करेगा क्राइम और करप्शन, जनता सब देख रही है जान भी रही
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में क्राइम और करप्शन ही बिहार की राजनीति में बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। राजद (RJD) लगातार इस मुद्दे पर जनता के बीच जा रही है। जदयू (JDU) और भाजपा (BJP) गठबंधन पर विपक्ष का दबाव बढ़ता जा रहा है। अपराध, भ्रष्टाचार और बाढ़ की समस्याएं आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में चुनावी एजेंडा तय करने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
ये राजनीतिक समीकरण के किस करवट बैठेगा
तेजस्वी यादव और राजद की रणनीति साफ है – बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरना है। आम जनता को यह संदेश देना कि मौजूदा सरकार नाकाम और निष्क्रिय है। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के जरिए जनसंपर्क और सहानुभूति बढ़ाना है। दूसरी ओर, नीतीश कुमार सरकार और सत्ता पक्ष को अब इन आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह मुद्दा किस तरह राजनीतिक समीकरण को प्रभावित करता है।







