बिहार में मानसून के समय होने वाली बालू की किल्लत से इस बार राहत मिलने वाली है। राज्य सरकार ने पहले से ही बालू भंडारण और आपूर्ति की व्यापक योजना तैयार कर ली है, जिससे विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने बुधवार को खनन विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
15 जून से बंद होते हैं घाट, लेकिन इस बार होगी निरंतर आपूर्ति
हर साल 15 जून से मानसून के कारण बालू घाट बंद कर दिए जाते हैं, जिससे निर्माण कार्य रुक जाते हैं। लेकिन इस बार, राज्य सरकार ने समय से पहले तैयारी कर ली है, ताकि विकास योजनाएं मानसून में भी बाधित न हों।
विजय सिन्हा ने बताया कि 180 बालू घाटों से मानसून के दौरान भी आपूर्ति जारी रहेगी। इनमें से 18 घाट सफेद बालू के हैं, जिनका उपयोग विशेष निर्माण कार्यों में होता है।
शेड्यूल रेट पर तय हुई बालू की कीमत
सरकार ने यह स्पष्ट किया कि बालू की कीमत शेड्यूल रेट पर तय की गई है, ताकि उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े। विकास योजनाओं की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार विभिन्न विभागों को खनन पट्टा भी जारी किया जाएगा।
खनन से मिला रिकॉर्ड राजस्व, बढ़ी प्रशासनिक पारदर्शिता
उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 2024-25 में खनन विभाग को अब तक ₹3569 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो कि लक्ष्य से अधिक है। यह उपलब्धि राज्य की पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासनिक क्रियान्वयन का प्रमाण मानी जा रही है।
नीलामी और जब्ती की कार्रवाई में तेजी
पूर्व में सरेंडर किए गए 37 घाटों में से 29 की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 14 घाटों की नीलामी पूरी हो चुकी है। पिला बालू के कुल 457 घाटों में से 161 घाट सक्रिय हैं। जिन पट्टाधारियों ने घाट सरेंडर किए हैं, उनकी अग्रिम संपत्ति जब्त की जाएगी और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
सभी विभागों को चेतावनी: जिम्मेदारी से न भागें
विजय सिन्हा ने सभी सरकारी विभागों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि बालू, मिट्टी और पत्थर जैसे संसाधनों को लेकर कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी से पीछे न हटे।
खनन विभाग इन सभी संसाधनों की आपूर्ति के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है।
तेजस्वी यादव के आरोपों पर जवाब
तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए बयान पर भी विजय सिन्हा ने प्रतिक्रिया दी।
दरअसल, शहीद रामबाबू सिंह के पार्थिव शरीर के पटना एयरपोर्ट पर पहुंचने के वक्त विजय सिन्हा की अनुपस्थिति पर तेजस्वी ने सवाल उठाए थे।
इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि —
“हमारी सरकार सेना के सम्मान को सर्वोपरि मानती है। मेरी अनुपस्थिति सूचना के अभाव और समय की कमी के कारण थी, इसे अनावश्यक राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए।”
विकास की रफ्तार बनाए रखने की तैयारी
राज्य सरकार की यह तैयारी दिखाती है कि बिहार अब प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद विकास की रफ्तार बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। मानसून के दौरान भी निर्माण कार्य जारी रखना एक नई प्रशासनिक कार्यसंस्कृति और जनहितकारी दृष्टिकोण की ओर संकेत करता है।