मोकामा में तिरुपति बालाजी मंदिर, अब बिहार के भक्तों को नहीं करना पड़ेगा हजारों किलोमीटर का सफर। नीतीश सरकार की पहल: मोकामा में बन रहा तिरुपति मंदिर, धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई।
मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण, करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए सुविधा और रोजगार। बिहार में पहली बार: गंगा किनारे मोकामा बनेगा सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र। मोकामा तिरुपति मंदिर: पूजा-पाठ के साथ भजन-कीर्तन और आध्यात्मिक शिविर भी होंगे आयोजित।
मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण, राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का धार्मिक मानचित्र मजबूत होगा। नीतीश सरकार का धार्मिक और सांस्कृतिक विकास में मील का पत्थर। मोकामा बनेगा बिहार का नया धार्मिक पर्यटन हब, श्रद्धालुओं के लिए सुविधा और आकर्षण।
मोकामा में तिरुपति मंदिर से बढ़ेगी स्थानीय भागीदारी और रोजगार के अवसर। मोकामा में अब केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र।
आंध्र प्रदेश के तिरुपति अब मोकामा में, तिरुपति मंदिर निर्माण से धार्मिक पर्यटन को नया आयाम
पटना | देशज टाइम्स। अब तक बिहार और उत्तर भारत के श्रद्धालुओं को भगवान वेंकटेश्वर (बालाजी) के दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश के तिरुपति जाना पड़ता था। लेकिन मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण से करोड़ों भक्तों को यह सुविधा यहीं मिलने वाली है।
आस्था और सुविधा का संगम
मोकामा पहुंचकर श्रद्धालु सीधे बालाजी के दर्शन कर पाएंगे। यह कदम धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई देगा और मोकामा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगा।यह परियोजना केवल धार्मिक महत्व तक सीमित नहीं, बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि और आर्थिक विकास की दिशा में एक मील का पत्थर मानी जा रही है।
नीतीश सरकार की पहल
बिहार सरकार का यह निर्णय आस्था, पर्यटन और रोजगार तीनों क्षेत्रों को बढ़ावा देगा। गंगा किनारे स्थित मोकामा आने वाले समय में केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि का केंद्र बनेगा।
मोकामा में बनेगा भव्य-दिव्य तिरुपति मंदिर।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी के निर्देशानुसार मोकामा में तिरुपति मंदिर बनाने के लिए लगभग 10 एकड़ जमीन का तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्, तिरुपति, आंध्र प्रदेश के साथ समझौता
ये निर्णय बिहार के सांस्कृतिक संवर्धन और सनातन धर्म के…
— Samrat Choudhary (@samrat4bjp) September 28, 2025
सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र
मंदिर निर्माण के बाद यहां नियमित रूप से होंगे: धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, आध्यात्मिक शिविर, सांस्कृतिक कार्यक्रम। इससे न केवल स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि मोकामा पूरे देश के धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर दर्ज हो जाएगा।