बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (BPSSC) द्वारा आयोजित मद्य निषेध विभाग (Excise Department) के अवर निरीक्षक (दारोगा) पद की लिखित परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। पटना के दो परीक्षा केंद्रों पर दो मुन्ना भाई पकड़े गए हैं, जो दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे रहे थे और स्मार्टफोन से नकल कर रहे थे।
शास्त्री नगर में पकड़ा गया पहला फर्जी परीक्षार्थी
परीक्षा केंद्र: केबी सहाय हाई स्कूल, शास्त्री नगर। गिरफ्तारी: एक अभ्यर्थी को वीक्षक ने नकल करते हुए रंगे हाथ पकड़ा। बरामद: तलाशी में स्मार्टफोन मिला जिससे वह प्रश्नपत्र की फोटो बाहर भेजने की कोशिश कर रहा था। पहचान: आरोपी नीतीश कुमार, गया निवासी। एक्शन: शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया, पूछताछ जारी है।
चिरैयाटांड़ परीक्षा केंद्र से दूसरा आरोपी दबोचा गया
परीक्षा केंद्र: राजकीयकृत उच्च माध्यमिक विद्यालय, चिरैयाटांड़। शक: वीक्षक को लगा कि परीक्षा में बैठा अभ्यर्थी असल उम्मीदवार नहीं है। जांच: पहचान पत्र और दस्तावेज जांच में सामने आया कि आशीष गौरव के स्थान पर सुजीत कुमार (टेकारी, गया) परीक्षा दे रहा था। एक्शन: कंकड़बाग थाना की पुलिस ने मौके पर आरोपी को गिरफ्तार किया।
संजीव मुखिया गैंग से जोड़कर हो रही जांच
पुलिस अब NEET घोटाले के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया और उसके नेटवर्क से संपर्क की जांच कर रही है। आशंका है कि यह घटना भी एक संगठित परीक्षा माफिया गिरोह का हिस्सा हो सकती है। STF (स्पेशल टास्क फोर्स) को इस मामले की गहन जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
FIR दर्ज, फर्जीवाड़े का हो सकता है बड़ा खुलासा
शास्त्री नगर और कंकड़बाग थाना में कदाचार और धोखाधड़ी की धाराओं में FIR दर्ज। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन गिरफ्तारियों से एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ संभव है।