बिहार विधानसभा में शुक्रवार को मंत्री लेसी सिंह और राजद विधायक भाई वीरेंद्र के बीच तकरार के बाद विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक की स्थगित की गई। दुबारा जब सदन 12 बजे शुरू हुई तो एक बार फिर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
राजद के विधायक वेल में पहुंच गए और मंत्री लेसी सिंह के बयान को लेकर सदन में प्रदर्शन करने लगे। राजद विधायक भाई वीरेन्द्र ने सीएजी की रिपोर्ट के माध्यम से खाद्य आपूर्ति विभाग में बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा करते कहा कि विभाग में 2013-14 से 2017-18 तक ऑडिट नहीं होने की वजह और अधिकारियों की गलती से बिहार को 48 करोड़ ब्याज भऱना पड़ा है। उपयोगिता प्रमाण पत्र सही समय पर नहीं दिया गया। इस वजह से बिहार का भारी नुकसान हुआ।
इस पर खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट ही गलत है। केंद्र को उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने की बात है तो अगले वित्तीय वर्ष में ऑडिट कराकर रिपोर्ट केंद्र को भेज दी जाएगी। मंत्री सदन में जवाब देती रहीं. लेकिन इसके बाद भी न भाई वीरेंद्र और अध्यक्ष संतुष्ट नहीं हुए।
अध्यक्ष ने मंत्री को डांट लगाई कि आपके अधिकारी बिना गंभीरता से जबाब दिए हैं। यह आसन के समय बर्बाद करने वाला जवाब है। कैग की रिपोर्ट आपने पढ़ी लेकिन यह तो विधानसभा के लोक लेखा समिति के पास है। अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि मंत्री के जवाब के वजह से आज अल्पसूचित प्रश्न समय खत्म हो गया।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों को समझाने का प्रयास किया लेकिन विपक्ष लगातार सदन की वेल में खड़ा रहें।हंगामे के बीच स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा की तरफ से दिए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
इसी दौरान वित्त मंत्री उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने विभागीय अनुदान सदन में पेश किया।विधानसभा अध्यक्ष राजद के आलोक मेहता को बोलने के लिए इजाजत भी दे रहे थे लेकिन राजद के विधायक नहीं माने तो शोर शराबे के बीच विधानसभा की कार्यवाही को स्पीकर ने दोपहर 2:00 बजे तक स्थगित कर दिया।
इससे पहले बिहार विधानसभा में आज प्रश्नकाल की शुरूआत होते ही एआईएमआईएम व भाकपा माले के विधायकों ने भारी हंगामा किया। विपक्षी विधायक वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे। इसके बाद स्पीकर विजय सिन्हा बिफर गए। अध्यक्ष ने साफ कहा कि वेल में आने से आसन दबाव में नहीं आयेगा। विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते है माले के विधायकों शिक्षक नियुक्ति को लेकर हंगामा कर रहे थे जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि आप नियम से सवाल उठाइयेगा।अभी अपने सीट पर जाए हम सत्ता या विपक्ष के दवाव में नहीं आएंगे।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने वेल में आये विधायकों से साफ कहा कि आपकी कोई बात सुनी नहीं जायेगी। आपलोग बार-बार वेल में आकर सदन में गतिरोध पैदा कर रहे हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे। स्पीकर ने कहा कि पक्ष हो या विपक्ष हम किसी के दबाव में नहीं आयेंगे। आसन कभी किसी के दबाव में नहीं आता। स्पीकर के तल्ख तेवर के बाद विपक्षी विधायक शांत हुए। तब जाकर प्रश्नकाल की शुरूआत हो सकी।