Urethral Stricture: जीवन की नली में जब रुकावट आती है, तो शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। पुरुषों में एक ऐसी ही गंभीर समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसे अगर समय रहते न पहचाना जाए, तो यह किडनी तक को नुकसान पहुंचा सकती है। पटना में मूत्रमार्ग संकुचन यानी यूरीथ्रल स्ट्रिक्चर के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
Urethral Stricture: पुरुषों में तेजी से फैल रही मूत्रमार्ग संकुचन की गंभीर समस्या, जानिए लक्षण और आधुनिक इलाज
विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या पुरुषों में मूत्रमार्ग के संकरा होने के कारण होती है, जिससे पेशाब करने में परेशानी होती है। यदि इसका समय पर निदान और उपचार न हो, तो यह किडनी को स्थायी रूप से क्षति पहुँचा सकती है, जो कि एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है।
Urethral Stricture: क्या हैं इसके प्रमुख कारण और लक्षण?
डॉ. कुमार राजेश रंजन, जो इस क्षेत्र के जाने-माने विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि यूरीथ्रल स्ट्रिक्चर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें चोट, संक्रमण, सर्जरी या कभी-कभी अज्ञात कारण भी शामिल हैं। इसके सामान्य लक्षणों में पेशाब करने में कठिनाई, पेशाब की धार कमजोर होना, बार-बार पेशाब आना और दर्द होना शामिल हैं।
डॉ. रंजन इस बात पर जोर देते हैं कि पुरुषों में बढ़ते मूत्र संबंधी रोग, खासकर यूरीथ्रल स्ट्रिक्चर के प्रति जागरूकता बेहद आवश्यक है। शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर परिणामों का कारण बन सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
देर से पहचान होने पर यह किडनी में संक्रमण या पथरी का कारण बन सकती है, जिससे इलाज और भी जटिल हो जाता है। इसलिए, किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
आधुनिक चिकित्सा से संभव है प्रभावी उपचार
डॉ. कुमार राजेश रंजन का मानना है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों और तकनीक की मदद से यूरीथ्रल स्ट्रिक्चर का प्रभावी इलाज संभव है। इसमें यूरीथ्रोप्लास्टी जैसी सर्जरी और अन्य न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाएं शामिल हैं, जो मरीज को पूर्ण रूप से ठीक कर सकती हैं।
वे बताते हैं कि सही समय पर सही निदान और उचित उपचार से न केवल मरीज की परेशानी दूर होती है, बल्कि किडनी को होने वाले संभावित नुकसान से भी बचाया जा सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें और देश-दुनिया की तमाम अपडेट्स से जुड़े रहें।
इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता और नियमित स्वास्थ्य जांच का महत्व भी डॉ. रंजन रेखांकित करते हैं। उनका संदेश स्पष्ट है – जागरूकता ही बचाव का पहला कदम है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

