Valmiki Tiger Reserve News: प्रकृति का अपना कानून होता है, और जब बात उसके संरक्षित आंचल की हो तो कायदे और भी सख्त हो जाते हैं। नए साल की आहट के साथ जहां एक ओर जश्न की तैयारियां परवान चढ़ रही हैं, वहीं वाल्मीकि के घने जंगलों में खामोशी का फरमान जारी हो गया है।
वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना (वीटीआर) के संरक्षित जंगल में इस बार नववर्ष का जश्न नहीं मनाया जा सकेगा। वन विभाग ने सुरक्षा कारणों और वन्यजीव संरक्षण के मद्देनज़र यह बड़ा फैसला लिया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आमतौर पर नए साल पर पिकनिक स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध वीटीआर के भीतर पर्यटकों की भीड़ उमड़ती थी, लेकिन इस साल यह रौनक नहीं दिखेगी।
Valmiki Tiger Reserve News: सुरक्षा घेरे में VTR का चप्पा-चप्पा
वन्यजीवों की सुरक्षा और जंगल के पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने के लिए वीटीआर प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संरक्षित क्षेत्र के भीतर किसी भी प्रकार की पिकनिक या सामूहिक आयोजन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम वीटीआर की जैव विविधता को अक्षुण्ण रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों की आवाजाही से होने वाले व्यवधान को रोकना है, जिससे वन्यजीवों को शांतिपूर्ण माहौल मिल सके। विशेषकर बाघ और अन्य संवेदनशील प्रजातियों के लिए यह बेहद ज़रूरी है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
नए साल पर क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
वीटीआर के अधिकारियों के अनुसार, नववर्ष के दौरान अक्सर पर्यटकों द्वारा प्लास्टिक कचरा फैलाना, तेज आवाज़ में संगीत बजाना और वन्यजीवों को परेशान करने जैसी गतिविधियां सामने आती रही हैं। ये गतिविधियां न केवल जंगल के प्राकृतिक सौंदर्य को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि वन्यजीवों के आवास और उनके व्यवहार पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसी को देखते हुए इस साल यह कड़ा निर्णय लिया गया है।
यह भी बताया गया कि वन कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है, ताकि प्रतिबंध का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया जा सके। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें प्रशासन ने सभी पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से सहयोग की अपील की है ताकि जंगल और उसके निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह फैसला अस्थायी है और नए साल की अवधि के लिए ही लागू होगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




