पटना। आगामी यूनियन बजट 2025 में केंद्र सरकार उन राज्यों के लिए विशेष प्रावधान कर सकती है, जहां 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में दिल्ली और बिहार प्रमुख हैं। इन दोनों राज्यों को केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मिलने की उम्मीद है, खासकर बिहार को, जो राजनीतिक दृष्टि से भी केंद्र सरकार के लिए महत्वपूर्ण राज्य है।
बिहार की महत्वकांक्षी मांगें
बिहार ने पिछले वर्ष 32 पेज में अपनी वित्तीय मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखा था। इसमें प्रमुख मांगें शामिल थीं:
- बाढ़ से सुरक्षा: बिहार सरकार ने नेपाल के साथ मिलकर बांध निर्माण की योजना को लेकर केंद्र से मदद की मांग की है। इससे हर साल आने वाली बाढ़ से निपटने में मदद मिलेगी।
- 13,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग: बिहार ने ड्रेनेज और पुल निर्माण के लिए अतिरिक्त 13,000 करोड़ रुपये की मांग की है।
- उधारी क्षमता में वृद्धि: बिहार सरकार ने केंद्र से राज्य के उधारी क्षमता में वृद्धि की भी मांग की है।
दरभंगा एयरपोर्ट की मांग
बिहार सरकार ने दरभंगा एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की मांग की है। इसके अलावा, राजगीर और भागलपुर में नए एयरपोर्ट बनाने के प्रस्ताव को भी केंद्र सरकार से मंजूरी दिलवाने का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा, रक्सौल एयरपोर्ट बनाने का भी सुझाव दिया गया है।
केंद्र सरकार की दरियादिली – जुलाई 2024 का बजट
पिछले वर्ष 23 जुलाई को पेश हुए बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार को विशेष पैकेज दिया था। इसमें केंद्र ने बिहार के बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए:
- 26,000 करोड़ रुपये का आवंटन सड़क परियोजनाओं के लिए।
- 21,400 करोड़ रुपये का आवंटन पावर प्रोजेक्ट्स के लिए।
- नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किया था।
आने वाले बजट में क्या हो सकता है?
आशा की जा रही है कि यूनियन बजट 2025 में बिहार की विकासात्मक मांगों को पूरी तरह से समर्थन मिलेगा। इससे राज्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी और विकास की गति में और तेजी आएगी। विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत, बिहार के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस बजट में एक विशेष पैकेज दिया जा सकता है, जैसा कि पिछले साल भी हुआ था।