back to top
2 दिसम्बर, 2025

एसआईआर पर गरमाई सियासत: अखिलेश यादव के आरोपों पर उपेंद्र कुशवाहा ने साधा निशाना

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

पटना से खबर है. देश में एसआईआर को लेकर जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आमने-सामने आ गए हैं. अखिलेश के गंभीर आरोपों के बीच कुशवाहा ने उन पर तीखा तंज कसा है, जिसने इस विवाद को और गहरा दिया है.

- Advertisement - Advertisement

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के एसआईआर संबंधित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कुशवाहा ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि वे बिहार में बहुत क्रांति करने की बात कर रहे थे, लेकिन प्रदेश की जनता ने उन्हें बता दिया है कि एसआईआर कोई मुद्दा नहीं है.

- Advertisement - Advertisement

एसआईआर कोई मुद्दा नहीं – उपेंद्र कुशवाहा

मीडिया से बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा से पूछा गया कि अखिलेश यादव का कहना है कि यदि एसआईआर पूरे देश में लागू हो गया, तो बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लागू किए गए संविधान के अधिकार भी छिन जाएंगे. इस सवाल के जवाब में कुशवाहा ने साफ कहा कि एसआईआर कोई मुद्दा है ही नहीं, इसे बेवजह मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने अखिलेश यादव को सद्बुद्धि मिलने की कामना करते हुए कहा कि इस तरह के बयानों से उन्हें कोई लाभ नहीं होने वाला है.

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  बिजली बिल का झटका? बिहार में शुरू हुई दरों में बदलाव की तैयारी

दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एसआईआर के मुद्दे पर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत चल रही है और एसआईआर के बहाने लोगों के वोट डालने के अधिकार को छीना जा रहा है.

संविधान और मताधिकार पर खतरा – अखिलेश यादव

लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) पर काम पूरा करने के लिए जल्दबाजी का दबाव बनाया जा रहा है, जिसके चलते कुछ दुखद घटनाएं भी सामने आई हैं, जिनमें आत्महत्याएं शामिल हैं.

अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी की पुरानी मांग को दोहराते हुए कहा कि बीएलओ पर काम का अनावश्यक दबाव नहीं बढ़ाना चाहिए, क्योंकि एसआईआर एक अत्यंत जिम्मेदारी भरा और सावधानी से करने वाला कार्य है. उन्होंने समझाया कि एक बार यदि किसी व्यक्ति का फॉर्म खारिज हो जाता है और उसका वोट नहीं बन पाता, तो उसे अपने कागजात लेकर दर-दर भटकना पड़ता है.

सपा प्रमुख ने इस दौरान भाजपा सरकार पर सवाल उठाए कि आखिर एसआईआर को लागू करने में इतनी जल्दबाजी क्यों की जा रही है? उन्होंने मौजूदा प्रक्रिया पर कई संदेह व्यक्त किए हैं.

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

बजाज हाउसिंग फाइनेंस में प्रमोटर की बड़ी हिस्सेदारी बिक्री, ₹1580 करोड़ की ब्लॉक डील आज

मुंबई: शेयर बाजार में आज, 2 दिसंबर को बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के शेयरों...

सोने की कीमत में मामूली गिरावट, जानें आपके शहर का भाव

नई दिल्ली: देश के सर्राफा बाजार में मंगलवार, 2 दिसंबर को सोने की कीमतों...

विराट कोहली को रोकना बेहद मुश्किल: मार्को यानसन का बड़ा बयान

रांची: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने हालिया वनडे मुकाबले में अपने...

बजाज हाउसिंग फाइनेंस में प्रमोटर की बड़ी हिस्सेदारी बिक्री, 1600 करोड़ से अधिक की ब्लॉक डील

मुंबई: मुंबई से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें