बिहार में लोगों की मानसिकता को सरकार कैसे बदलेगी। हां, अपराध तो रूकेंगें या कम हो जाएंगें लेकिन ऐसे मामलों में पीड़ित बच्ची के साथ उसके परिवार के लोगों को जो मानसिक प्रताड़ना का दंश दिया जाता है इसपर रोक कैसे लगेगी। ताजा मामला बिहार के नवादा जिले का है। यहां एक बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है।
एक अधेड़ ने उस बच्ची के साथ अपनी हवस की प्यार बुझाई और इस भयानक क्रूरता, दरिंदगी की कीमत पंचायत ने लगायी 11 हजार रुपए। सुनकर शर्म आ जाए ऐसे पंचायत के न्याय देने वालों पर जो एक बच्ची की भविष्य की कीमत लगाने बैठे हैं। हद यह, उस दुष्कर्मी अधेड़ ने वह ग्यारह हजार भी नहीं दिए तो मामला थाने पहुंचा, जो पहले की पहुंच जाना चाहिए था। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, वारिसलीगंज थाना इलाके के एक गांव में नौ साल की बच्ची के साथ 50 साल के अधेड़ सोहर यादव ने ठगकर बच्ची को आहर की ओर ले गया यह कहते कि पिता तुम्हें आहर पर बुला रहा है। उसकी बात पर यकीन कर बच्ची आहर की ओर चली गई। जहां आरोपित ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया।
बाद में ग्रामीणों ने बात को दबाने के लिए पंचायत बुला ली। इसमें ग्रामीणों समेत मुखिया के पति भी शामिल हुए और फैसला सुनाते हुए 11 हजार रुपए जुर्माना कर मामले को रफा-दफा कर दिया, लेकिन बाद में सोहर उससे भी मुकर गया।
तब जाकर पुलिस में इसकी शिकायत की गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी सोहर यादव को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पंचायत बैठाने और आरोपी को बचाने के आरोपित मुखिया पति अजीत यादव, धारो यादव और केदार महतो अभी पुलिस पकड़ से दूर हैं।
थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की तलाश जारी है। पीड़िता को चिकित्सीय जांच के लिए सदर अस्पताल नवादा भेजा गया है।