बिहार प्रशासनिक सेवा के 532 अधिकारियों का प्रमोशन किया गया है। जिसमें 249 को अपर समाहर्ता,157 को संयुक्त सचिव,67 को उपसचिव,39 को अपर सचिव और 20 को विशेष सचिव के पद पर प्रोन्नति दी गयी है। इसको लेकर समान्य प्रशासन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।
मंगलवार को बिहार प्रशासनिक सेवा के 20 अधिकारियों को सबसे पहले विशेष सचिव के रूप में प्रोन्नति दिए जाने की अधिसूचना जारी हुई। इसके बाद बिहार प्रशासनिक सेवा के 39 अधिकारियों को अपर सचिव में प्रोन्नत किया गया।
कुछ ही देर बाद बिहार प्रशासनिक सेवा के ही 157 अधिकारियों को संयुक्त सचिव के रूप में प्रोन्नति दिए जाने की अधिसूचना जारी हुई। इसके बाद सबसे ज्यादा संख्या में बनाए गए अपर समहर्ताओं की सूची जारी हुई। बिहार प्रशासनिक सेवा के 249 अफसरों को अपर समाहर्ता के रूप में प्रोन्नति दी गई। मंगलवार को अबतक की सूचना के अनुसार सबसे अंतिम सूची उप सचिव के रूप में प्रोन्नत किए गए बिहार प्रशासनिक सेवा के 67 अधिकारियों की जारी हुई।
इसमें बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के 532 अधिकारियों का प्रमोशन हुआ है। प्रमोशन में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट मे लंबित होने की वजह से इन 532 अधिकारियों को उच्चतर पदों पर प्रमोशन देते हुए कार्यकारी प्रभार दिया गया है। अब आने वाले दिनों में इन्हें नयी जिम्मेदारी भी दी जाएगी।
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार प्रशासनिक सेवा के 532 अधिकारियों में से 249 को अपर समाहर्ता, 157 को संयुक्त सचिव, 67 को उपसचिव, 39 को अपर सचिव और 20 को विशेष सचिव के पद पर प्रोन्नति दी गयी है।
जानकारी के अनुसार, सरकारी कर्मियों के प्रोन्नति का मामला सुप्रीम कोर्ट में 2019 से लंबित है। बिहार की नीतीश सरकार वैकल्पित रास्ते निकालते हुए उच्चर पदों पर वेतनमान सहित कार्यकारी प्रभार देने का फैसला लिया है। इससे संबंधित निर्णय नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में लिया था जिसके बाद प्रमोशन की प्रकिया शुरू की गयी है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में पिछली कैबिनेट बैठक के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित केस को देखते हुए सोलह फीसद एससी और एक फीसद एसटी की सीटों को फ्रीज करते हुए शेष 83 फीसद प्रोन्नति की खाली सीटों के लिए प्रोमोशन का प्रावधान लागू किया।
साथ् ही आरक्षण देते हुए प्रोन्नति सूची फाइनल करने का आदेश दिया। चूंकि 2 महीनों के लिए प्रावधानों में यह फेरबदल किया गया है, इसलिए सरकार ने रविवार को भी इस प्रक्रिया को बाधित नहीं करने का आदेश जारी किया। इस वजह से सोमवार को पहली दो सूची जारी हुई।
जानकारी के अनुसार, सरकारी कर्मियों के प्रोन्नति का मामला सुप्रीम कोर्ट में 2019 से लंबित है। नीतीश सरकार वैकल्पिक रास्ते निकालते हुए उच्चर पदों पर वेतनमान सहित कार्यकारी प्रभार देने का फैसला लिया है। इससे संबंधित निर्णय नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में लिया था जिसके बाद प्रमोशन की प्रकिया शुरू की गयी है।