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27 नवम्बर, 2025

राबड़ी देवी के आवास पर सियासतः ‘हम’ ने कहा- ये कोर्ट का फैसला, राजनीति नहीं

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पटना न्यूज़: बिहार की राजनीति में इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। 10 सर्कुलर रोड स्थित उनके निवास को खाली करने के नोटिस ने जहां विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका दिया है, वहीं अब इस मामले में एनडीए गठबंधन की सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने एक महत्वपूर्ण बयान देकर पूरे प्रकरण को नई दिशा दे दी है। आखिर क्या है इस सियासी हलचल के पीछे का सच और क्यों मिला है ये नोटिस?

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पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी को भवन निर्माण विभाग की ओर से 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास खाली करने का नोटिस मिलने के बाद से बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला बोल रहा है। इसी बीच, एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने बुधवार (26 नवंबर, 2025) को स्पष्ट किया कि विभाग ने कोई गलत कार्रवाई नहीं की है, बल्कि यह न्यायालय का निर्णय है।

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संतोष सुमन ने अपने बयान में कहा, “आज से चार साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया था कि किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी आवास आवंटित नहीं किया जाएगा।” उन्होंने आगे जोड़ा कि राबड़ी देवी चूंकि वर्तमान में सदन की नेता हैं, इसलिए वह अब तक 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास में रह रही थीं। मंत्री सुमन ने जोर देकर कहा कि यह सरकार का ताजा निर्णय है और उन्हें बेघर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राबड़ी देवी को आवास बदलने का नोटिस दिया गया है और जो नया आवास उन्हें आवंटित किया गया है, वह भी काफी बड़ा है। उन्होंने इस पूरे मामले में अनावश्यक राजनीति से बचने की अपील की।

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कोर्ट का फैसला, राजनीति नहीं: संतोष सुमन

जब संतोष सुमन से तेज प्रताप यादव के लालू-नीतीश की दोस्ती वाले बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “राजनीति में तेज प्रताप यादव भले ही कुछ भी कहते रहें, लेकिन वह भी कानून की बारीकियों को अच्छी तरह समझते हैं।” सुमन ने उदाहरण देते हुए बताया कि चुनाव हारने के बाद तेज प्रताप यादव ने खुद ही अपना आवास खाली कर दिया था। इसलिए, इस मामले में भी किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सरकारी आवास है और सरकार जब चाहे इसमें बदलाव कर सकती है।

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पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास पर बदल चुके हैं नियम

यह गौरतलब है कि बिहार में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास सुविधा को लेकर पहले भी नियम बदले हैं।

  • एक समय ऐसा भी था जब जीतन राम मांझी जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए विशेष सुविधाओं का प्रावधान किया था।
  • इसके तहत, बड़े आवास के साथ-साथ Y+ श्रेणी की सुरक्षा भी दी जाती थी।
  • तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद त्याग कर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था, तब नीतीश कुमार के लिए भी ये सभी व्यवस्थाएं की गई थीं।
  • उस वक्त जीवित रहे जगन्नाथ मिश्रा जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी ये सुविधाएं मिल रही थीं।
  • हालांकि, बाद में इस नियम में बदलाव कर दिया गया, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले ने इसे और पुख्ता कर दिया।
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