बिहार में गुरुवार को हुए बिजली के दरों में 24.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी को लेकर शुक्रवार को बिहार विधानमंडल में भाजपा की तरफ से जोरदार विरोध किया जा रहा है।
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विधानसभा सत्र की शुरुआत होते ही भाजपा विधायकों ने हंगामा करते हुए अप्रैल से बढ़ने वाली बिजली बिल की प्रस्तावित दर को वापस लेने की मांग करने लगे। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि परंपरा टूटेगी तो नियम भी टूटेगा। हमारी मांग है कि बिहार सरकार बिजली बिल में बढ़ोतरी नहीं करें। जो दरें प्रस्तावित की गई है उसे वापस लिया जाए। इससे गरीब जनता के जेब पर काफी असर पड़ेगा।
बिजली की दरों में 24.10% की बढ़ोतरी पर बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सदन के अंदर बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर जमकर हंगामा किया। बिजली बिल में बढ़ोतरी को लेकर पार्टी ने कहा है कि किसी भी हालत में सरकार को यह बिल वापस लेना होगा। या फिर सरकार सब्सिडी दे। हम इसे बढ़ी दरों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इससे महंगाई बढ़ेगी।
पलटवार करते हुए विजेंद्र यादव ने कहा कि कितना बोलिएगा आप। बिहार में 4 साल तक बिजली बिल में बढ़ोतरी नहीं की गई। यह रेगुलेटरी कमीशन तय करती है। इस बात की गारंटी है कि कि गरीबों को दिक्कत नहीं होगा। बिहार सरकार इसका ध्यान रख रही है।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा विधायक ने बिहार बिजली बिल में प्रस्तावित बढ़ोतरी पर भारी हंगामा किया। रिपोर्टिंग टेबल को पटक डाला। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि, यह तानाशाही रवैया नहीं चलेगा आप लोग तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा को बोलने का मौका दिया गया।
इसके बाद भाजपा के विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपको बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन डिबेट करने की इजाजत मैं नहीं दूंगा। इसके बाद भाजपा के विधायक मेज पीटने लगे। विधायकों को मेज पीटते देख कुछ पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और मेज को पकड़ लिया।
भाजपा विधायक ताली बजाकर बेल में विरोध करने लगे। इधर, चार पुलिसकर्मी मेज को दाब कर खड़े हो गए ताकि भाजपा के विधायक मेज को पटक ना सके। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि न्यायालय पर किसी प्रकार की कोई बहस नहीं हो सकती है।
उन्होंने भाजपा विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि जनता ने आपको भेजा है, यहां कुछ सीखने की जरूरत है इसलिए आप लोग कुछ सीखिए। इस तरह हंगामा मत कीजिए।
विजय सिन्हा ने कहा कि बिजली बिल पर पर्दे का जो फैसला है वह गलत है सरकार प्रस्तावित वृद्धि लें। वहीं, विजय सिन्हा के सवालों का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि, वृद्धि को वापस नहीं लिया जाएगा। इससे गरीबों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
दरअसल,आज सुबह से ही बिहार विधानसभा के अंदर बिहार में बढ़े बिजली बिल के प्रस्ताव को लेकर भाजपा के तरफ से हंगामा किया जा रहा था। इसके बाद जब आप सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, बिजली बिल में बढ़ोतरी से आम लोगों के साथ-साथ उद्योगों पर प्रभाव पड़ेगा। इसलिए सरकार विद्युत वृद्धि को वापस ले।
इसका जवाब देते हुए उर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि, बिजली बिल वृद्धि का निर्णय रेगुलेटरी बोर्ड लेता है। बाजपेयी जी के समय में ही रेगुलटरी कमीशन को बिजली बिल पर फैसला लेने का हक दिया गया था। चार सालों से कोई वृद्धि नहीं हुई थी। बिजली बिल की बढ़ोतरी से गांव-गरीबों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम यह आश्वस्त करते हैं।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दर बढ़ोतरी की मंजूरी दी। विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दर में 24.10 फीसदी की बढ़ोतरी की मंजूरी दी। सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर प्रति यूनिट बिजली दर तय की जाएगी।
बिजली कंपनियों ने 40 फीसदी दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। फिक्स चार्ज में दोगुना से अधिक करने का प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव में बिजली कंपनियों ने बिजली आपूर्ति खर्च में हुई वृद्धि का तर्क दिया था, लेकिन आयोग ने कंपनियों के प्रस्ताव को नहीं माना।