प्रभास रंजन, समस्तीपुर। समस्तीपुर जिले की महिला थाना प्रभारी पुतुल कुमारी को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) की टीम ने शनिवार को 20,000 रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
मधुबनी तबादले के बाद भी समस्तीपुर में कर रहीं थीं ड्यूटी
पुतुल कुमारी का एक सप्ताह पूर्व ही स्थानांतरण बिहार सरकार के आदेश पर मिथिला क्षेत्र के डीआईजी डॉ. गौतम मेश्राम द्वारा मधुबनी जिले में किया गया था। बावजूद इसके, वह अब भी समस्तीपुर महिला थाना में कार्यरत थीं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि स्थानांतरण के बावजूद उन्होंने चार्ज क्यों नहीं छोड़ा?
फरियादी ने की थी निगरानी में शिकायत
जानकारी के मुताबिक, महिला थाना प्रभारी ने एक केस में मदद करने के एवज में फरियादी से 20 हजार रुपये की मांग की थी। फरियादी ने बिहार निगरानी विभाग से इसकी लिखित शिकायत की।
निगरानी विभाग ने प्रारंभिक जांच के बाद शिकायत को सही पाया और फिर पूर्व-नियोजित योजना के तहत जाल बिछाया। शनिवार को जैसे ही फरियादी ने तय स्थान पर थाना प्रभारी को 20,000 रुपये नकद सौंपे, वहां सादी वर्दी में पहले से मौजूद निगरानी टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद पटना ले गई टीम
निगरानी टीम ने गिरफ्तारी के बाद पुतुल कुमारी को सीधे पटना स्थित निगरानी अन्वेषण मुख्यालय भेज दिया, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (Prevention of Corruption Act, 1988) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
डीआईजी के तबादला आदेश की भी होगी जांच
सूत्रों के अनुसार, डीआईजी डॉक्टर गौतम मेश्राम द्वारा एक सप्ताह पूर्व किए गए स्थानांतरण आदेश के बावजूद पुतुल कुमारी के समस्तीपुर में डटे रहने के पीछे आंतरिक सांठगांठ की आशंका भी जताई जा रही है। इस प्रकरण में उच्चस्तरीय जांच की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा।
समस्तीपुर पुलिस प्रशासन में मची हलचल
इस घटना के सामने आने के बाद समस्तीपुर जिले के पुलिस विभाग में भारी असंतोष और स्तब्धता का माहौल है। यह घटना उस समय हुई है जब बिहार पुलिस विभाग को भ्रष्टाचारमुक्त और पारदर्शी बनाने की नीति पर जोर दिया जा रहा है।
मुख्य तथ्य (Highlights):
घटना स्थल: समस्तीपुर महिला थाना, बिहार
अधिकारी: पुतुल कुमारी, महिला थाना प्रभारी
गिरफ्तारी कारण: 20,000 रुपये की रिश्वत
गिरफ्तार करने वाली एजेंसी: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना
स्थानांतरण आदेश: मधुबनी, एक सप्ताह पूर्व
वर्तमान स्थिति: निगरानी मुख्यालय, पटना में कानूनी प्रक्रिया जारी
कानूनी दायरा और संभावित सजा
घूस लेने का यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 7 और 13(1)(d) के तहत दंडनीय है। यदि दोष सिद्ध होता है, तो संबंधित अधिकारी को 3 से 7 वर्षों की सजा और जुर्माना हो सकता है।