Samastipur Cold Wave: सर्दी की चादर ने हर रफ्तार पर जैसे ब्रेक लगा दिए हैं। समस्तीपुर में बढ़ती ठंड और घने कोहरे ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे लोगों की दिनचर्या पटरी से उतर गई है। पिछले कई दिनों से जारी शीतलहर और घना कोहरा अब लोगों की सहनशक्ति की परीक्षा ले रहा है। मंगलवार को तो ठंड और कोहरे ने पूरे दिन सूरज के दर्शन नहीं होने दिए, जिससे पारा और गिर गया।
इस कड़ाके की ठंड ने जिलेभर के प्रखंड क्षेत्रों में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुबह से लेकर देर शाम तक कोहरे की घनी चादर छाई रहती है, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई है। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है और पैदल चलने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में भी चहल-पहल कम हो गई है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Cold Wave का बढ़ता प्रकोप: लोगों की बढ़ी मुश्किलें
क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से जारी शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, जिसका सीधा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। स्कूलों में उपस्थिति कम हो गई है और सार्वजनिक स्थानों पर भी भीड़भाड़ घट गई है। चिकित्सक लगातार लोगों को ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दे रहे हैं, जिसमें गर्म कपड़े पहनना और बेवजह घर से बाहर न निकलना शामिल है।
स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी तक ठंड से बचाव के लिए कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं होने से राहगीरों और दिहाड़ी मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द अलाव की व्यवस्था की जाए और गरीब तथा जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया जाए। यह ख़बर आप तक पहुंचा रहा है देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
ठंड के इस मौसम में गरमागरम चाय और पकौड़ों की दुकानें जरूर गुलजार दिख रही हैं, लेकिन बाकी व्यवसाय प्रभावित हुए हैं। किसानों को भी अपनी फसलों की चिंता सता रही है, क्योंकि अत्यधिक कोहरा फसलों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
कब मिलेगी ठंड से राहत?
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक ठंड और कोहरे से राहत मिलने की संभावना कम है। ऐसे में लोगों को अभी और सतर्क रहने की जरूरत है। रात का तापमान लगातार गिर रहा है, जिससे सुबह-शाम की ठंड चरम पर पहुंच गई है। घरों में हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल बढ़ गया है, लेकिन बिजली कटौती भी लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। प्रशासन को इस गंभीर स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। बेशक, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



