Rameshwar Jute Mill: पिछले एक महीने से बंद पड़ी रामेश्वर जूट मिल को फिर से चालू करने की दिशा में प्रशासन ने सक्रिय कदम उठाए हैं। मिल प्रबंधन और श्रमिकों के बीच चल रहे गतिरोध को समाप्त करने और मिल के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मिल को बंद हुए करीब एक महीने का समय हो गया है, जिससे न केवल उत्पादन प्रभावित हुआ है, बल्कि सैकड़ों श्रमिकों के समक्ष भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करने और एक सर्वमान्य समाधान निकालने का निर्णय लिया है।
श्रमिकों के हितों की रक्षा पर जोर –
Rameshwar Jute Mill
मिल प्रबंधन और श्रमिक संघों के प्रतिनिधियों के साथ जल्द ही एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मिल को पुनः चालू करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करना और श्रमिकों की जायज मांगों का समाधान खोजना है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि श्रमिकों के हितों की रक्षा सर्वोपरि है और किसी भी सूरत में उनका शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक में, मिल के आर्थिक पहलुओं, उत्पादन क्षमता, और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है। प्रशासन चाहता है कि मिल जल्द से जल्द पटरी पर लौटे, जिससे न केवल श्रमिकों को नियमित आय प्राप्त हो सके, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिले।
आगे की रणनीति
इस पहल से मिल के श्रमिकों में उम्मीद की किरण जगी है। वे लंबे समय से मिल के पुनः संचालन का इंतजार कर रहे थे। प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम को सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का समाधान निकल आएगा, जिससे मिल का पहिया फिर से घूमने लगेगा।







