Samastipur Murder Case: समय की रेत पर एक साल फिसला गया, लेकिन हलई थाना क्षेत्र के दरबा पंचायत में हुई शिक्षक चितरंजन कुमार की हत्या का रहस्य अब भी अनसुलझा है। इंसाफ की आस लगाए परिजनों की आँखें पथरा गई हैं, पर कातिल बेखौफ घूम रहे हैं।
समस्तीपुर मर्डर केस: एक साल बाद भी हत्यारों का सुराग नहीं, परिजनों का इंसाफ के लिए संघर्ष जारी
पिछले साल हलई थाना क्षेत्र के दरबा पंचायत स्थित जोरपूरा के निवासी और पेशे से शिक्षक चितरंजन कुमार की निर्मम हत्या कर दी गई थी। यह घटना जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था, आज भी एक अनसुलझी गुत्थी बनी हुई है। घटना को बीते एक साल हो गए हैं, लेकिन समस्तीपुर पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। इस मामले में कोई ठोस सुराग मिलना तो दूर, पुलिस अब तक हत्यारों की पहचान भी नहीं कर पाई है। यह स्थिति कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वे हर रोज पुलिस थाने के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिल रहा। उनका कहना है कि पुलिस की धीमी कार्यशैली के कारण ही हत्यारे अभी तक पकड़ से बाहर हैं। इस शिक्षक हत्याकांड ने न सिर्फ एक परिवार को तबाह किया है, बल्कि पूरे समुदाय में भय का माहौल भी पैदा कर दिया है।
समस्तीपुर मर्डर केस: जांच की धीमी रफ्तार पर सवाल
पुलिस जांच की रफ्तार लगातार सवालों के घेरे में है। स्थानीय लोगों और मृतक के परिवार का आरोप है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। शुरुआती जांच में भी कोई महत्वपूर्ण लीड नहीं मिल पाई थी, और समय बीतने के साथ-साथ पुलिस की सक्रियता और भी कम होती दिख रही है। एक साल का लंबा इंतजार परिजनों के लिए असहनीय हो गया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। वे अब थक हार कर यह मानने लगे हैं कि शायद उन्हें कभी न्याय नहीं मिल पाएगा। इस स्थिति से लोगों का पुलिस और न्यायिक प्रणाली पर से विश्वास उठता जा रहा है।
इस बीच, कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की है, लेकिन उनके प्रयास भी अब तक व्यर्थ साबित हुए हैं। परिजनों ने उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगाई है, लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात। इस शिक्षक हत्याकांड का खुलासा न होना पुलिस की कार्यक्षमता पर एक बड़ा धब्बा है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
क्या है चितरंजन कुमार हत्याकांड का पूरा मामला?
शिक्षक चितरंजन कुमार की हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। वे एक सम्मानित व्यक्ति थे और उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, ऐसा परिजनों का दावा है। अचानक हुई इस घटना ने सभी को अचंभित कर दिया था। हत्या किस मकसद से की गई, यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। लूटपाट, पुरानी रंजिश या कोई और कारण, पुलिस किसी भी एंगल पर कोई ठोस जानकारी नहीं दे पाई है। हत्या के बाद घटनास्थल से क्या-क्या साक्ष्य जुटाए गए थे, और उनकी जांच किस स्तर तक पहुंची है, इस पर भी पुलिस की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
पुलिस पर बढ़ता दबाव और परिजनों की गुहार
जैसे-जैसे समय बीत रहा है, इस मामले को लेकर पुलिस पर दबाव बढ़ता जा रहा है। स्थानीय विधायक और सांसद से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है। परिजनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उनकी मांग है कि इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इस दुखद घटना के बाद से ही परिवार गहरे सदमे में है, और उन्हें इंसाफ की उम्मीद बस एक चमत्कार की तरह लग रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



