पटना, देशज न्यूज। गोपालगंज के सत्तरघाट पुल के संपर्क पथ की हकीकत महज 29 दिनों में दुनिया भर के सामने आ गई लेकिन राज्य सरकार ने इस फजीहत के बावजूद अपनी नाक बचाने के लिए अब निर्माण एजेंसी व इंजीनियर को क्लीन चिट दे दी है। (Sattar ghat approach road)
सत्तरघाट पुल के अप्रोच रोड के टूटने का ठीकरा पानी के तेज बहाव के ऊपर फोड़ दिया गया। एप्रोच रोड टूटने के लिए बनाई गई जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। (Sattar ghat approach road)
पिछले सप्ताह गोपालगंज के सत्तरघाट पुल से एक पुलिया का एप्रोच रोड ध्वस्त हो गया था। पानी के तेज बहाव में सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया और देश भर में नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई। सत्तर घाट पुल के निर्माण में 77 छेद लोगों के सामने आए लेकिन आनन-फानन में सरकार ने एक विशेष जांच कमेटी बनाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया। (Sattar ghat approach road)
अब इस विशेष जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जांच रिपोर्ट में निर्माण एजेंसी और इंजीनियरों को क्लीन चिट दे दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी का दबाव अधिक होने के कारण पुल का एप्रोच रोड टूट गया। साथ ही साथ यह भी बताया गया है कि दोनों पुलियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसलिए कटाव में निर्माण एजेंसी या इंजीनियर दोषी नहीं है। (Sattar ghat approach road)
जांच कमेटी ने केवल इस बात का सुझाव दिया है, भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। जांच कमेटी ने कहा है कि पुल की संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे में निर्माण एजेंसी या इंजीनियर को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। गंडक में अचानक पानी का दबाव बढ़ा और कोरोना के कारण उपजी परिस्थितियों में संपर्क पथ को बचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में परेशानी हुई जिसकी वजह से एप्रोच रोड को नहीं बचाया जा सका (Sattar ghat approach road)