नीतीश कैबिनेट की बैठक में आखिरकार आज नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को स्वीकृति दे दी है। पिछले तीन कैबिनेट जी बैठक में इसके मंजूरी को लेकर जो इंतजार किया जा रहा था वो आज ख़त्म हो गया है। अब राज्य में जल्द ही बड़े पैमानों पर टीचर की बहाली होगी। इसके जरिए सातवें चरण के तहत तीन लाख शिक्षकों के खाली पदों पर सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
अहम फैसला यह है कि स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति पंचायत नहीं अब आयोग करेगा। बिहार में शिक्षक अब राज्य कर्मी होंगे और आयोग के माध्यम से शिक्षकों की बहाली होगी। बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनिक कार्रवाई) सेवा शर्त नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। कैबिनेट मीटिंग में छह महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी है। इसमें सबसे अहम शिक्षक अभ्यर्थियों की बहाली है। शिक्षक नियमावली 2023 पर मुहर लगा दी गई है। नए फैसले के अनुसार अब शिक्षक राज्य कर्मी होंगे।
बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनिक कार्रवाई) सेवा शर्त नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है। अब आयोग के माध्यम से शिक्षकों की बहाली होगी।
वहीं, सरकार के कर्मियों के लिए खुशखबरी है। वेतन एवं पेंशन प्राप्त कर रहे हैं लोगों को 1 जनवरी 2023 के प्रभाव से 38 फ़ीसदी की जगह 42 फिर भी महंगाई भत्ता की स्वीकृति दी गई है। नीतीश कैबिनेट ने आज इस पर मुहर लगा दी। पढ़िए पूरी खबर
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पिछले तीन महीने से कह रहे थे कि शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली तैयार है लेकिन मामला अटका पड़ा था। आज आखिरकार नीतीश कैबिनेट की बैठक में 7वें चरण की शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली पर मुहर लगा दी गयी। इससे सूबे में तकरीबन सवा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल, कुछ दिन पहले बिहार के शिक्षा मंत्री ने यह बयान दिया था कि, शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर उनके तरफ से हस्ताक्षर कर दिए गए हैं। इसे महज कैबिनेट से मंजूरी मिली है। लेकिन, इसके बाबजूद दो बार के कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी नहीं मिली थी।
इसको लेकर जब विधानसभा में चर्चा हुई थी तो सीएम ने यह भी कहा था कि, कैबिनेट की बातें बिना उसके मंजरी को सर्वाजनिक नहीं करना चाहिए।जिसके बाद अब जाकर इसे मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
अभी सिर्फ नियमावली को मंजूरी मिली है, नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला नहीं लिया गया है। नयी नियमावली में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। सरकार शिक्षक नियुक्ति के लिए आयोग बनायेगी जो शिक्षकों की नियुक्ति करेगा।
जानकारी के अनुसार, इस नए नियामवली केतहत सातवें फेज की शिक्षक बहाली इस बार नए तरीके से होनी है। ऐसे में सरकार ने बहाली शुरू करने से पहले नई नियमावली तैयार करवाई है। जिस पर अब कैबिनेट की अंतिम मुहर कैबिनेट लग गई है।
नई नियमावली के प्रस्ताव पर विभागों शिक्षा, वित्त, विधि, पंचायती राज और नगर विकास विभाग से सहमति मांगीं गई थी। इन सभी विभागों की सहमति मिलने के बाद अब इसे मंजूरी दे दी गई है। इसमें महिलायों को विशेष ध्यान दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, राज्य में शिक्षकों के 3 लाख पदों पर बहाली होनी है। जिसमें एसटीईटी, बिहार टीईटी और सीटीईटी अभ्यर्थी शामिल होंगे।लेकिन 4 साल से सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही। अब तक बहाली प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
अब अभ्यर्थी का कहना था कि, ना जाने आगे और कितना सरकार इंतजार करवाएगी और अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगी। इसके बाद अब उनलोगों को बड़ी खुशखबरी मिली है। नीतीश कैबिनेट की बैठक में अब उन्हें यह बड़ी खुशखबरी मिली है।
कैबिनेट ने आज बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवाशर्त नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी है। इस नियमावली में शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस ले लिया गया है। पूरी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी, त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से केंद्रीयकृत एवं निष्पक्ष आयोग से कराने की रूपरेखा तैयार की गयी है।
शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर आज कैबिनेट ने मुहर लगा दी। शिक्षक बहाली नियमावली के गठन के बाद बिहार सरकार के नियंत्रण में विद्यालय अध्यापक का एक नया संवर्ग गठन होगा। यह संवर्ग राज्य कर्मी का होगा।
यानि शिक्षक अब राज्यकर्मी होंगे। इसके अलावे वर्तमान में पंचायती राज्य संस्था एवं नगर निकाय अंतर्गत नियुक्त कर्मी भी इस नियमावली की नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से राज्य कर्मी के इस नए संवर्ग में नियुक्त हो सकेंगे।
पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि नयी नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी। सरकार नियुक्ति के लिए आयोग बनायेगी।
अब अभ्यर्थियों को उसी आयोग में केवल एक आवेदन करना होगा। इसी में वे स्कूलों में पदस्थापन का विकल्प रखेंगे, जबकि पहले एक अभ्यर्थी कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने को मजबूर होता था।
नई नियमावली के तहत CTET और STET पास अभ्यर्थियों को सीधे शिक्षक बनने का मौका मिलेगा और वह राज्यकर्मी बन जाएंगे। नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। नियोजित शिक्षकों को उम्र सीमा में छूट मिलेगी।
राज्यकर्मियों को महंगाई भत्ता बढ़ाने के एजेंडे पर मुहर लगी है। बिहार में महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। अब राज्यकर्मियों को महंगाई भत्ता 38% से बढ़ाकर 42 फीसदी मिलेगा। यह 1 जनवरी 2023 से लागू हो जाएगा। एक जनवरी 2023 के प्रभाव से महंगाई भत्ता का लाभ मिलेगा। राज्य के कर्मचारियों के साथ पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा।