Sitamarhi HIV News: जब आंकड़े सच्चाई का आईना न बनें और अफवाहों का बाजार गरम हो जाए, तब हकीकत सामने लाना ही पत्रकारिता का धर्म होता है। सीतामढ़ी जिले में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या को लेकर फैलाई जा रही भ्रामक खबरों पर बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने कड़ा खंडन जारी किया है, जिससे स्थिति स्पष्ट हो गई है। समिति ने मीडिया और आम जनता से तथ्यों की पुष्टि के बिना किसी भी जानकारी को प्रसारित न करने की अपील की है, ताकि समाज में अनावश्यक भ्रम और भय की स्थिति उत्पन्न न हो।
सीतामढ़ी में HIV मरीजों की संख्या: तथ्यों की पड़ताल
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना ने 11 दिसंबर 2025 को जारी अपने खंडन में बताया कि सीतामढ़ी जिले में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या के संबंध में कुछ इलेक्ट्रॉनिक चैनलों और समाचार पत्रों में चल रही खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। समिति ने बताया कि सीतामढ़ी जिले में एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (ART) चिकित्सा पद्धति की शुरुआत 1 दिसंबर 2012 को हुई थी, जबकि एचआईवी जांच एवं परामर्श केंद्र (ICTC) वर्ष 2005 से ही कार्यरत है। वर्ष 2005 से लेकर अब तक, यानी कुल 20 वर्षों में, लगभग 6900 एचआईवी संक्रमित मरीजों का पंजीकरण हुआ है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इनमें से कुछ मरीजों का निधन हो चुका है, जबकि कुछ अन्य जिलों या शहरों में इलाज के लिए स्थानांतरित हो गए हैं।
वर्तमान स्थिति और भ्रम का निवारण
वर्तमान में, सीतामढ़ी जिले के एआरटी केंद्र में 4958 मरीज नियमित रूप से एआरवी (ARV) दवाओं का सेवन कर रहे हैं। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्ष 2025-26 के अक्टूबर माह तक 200 नए एचआईवी मरीज चिन्हित किए गए हैं। 6900 मरीजों का जो आंकड़ा बताया जा रहा है, वह वर्ष 2005 से अब तक का समेकित डेटा है, न कि वर्तमान सक्रिय मरीजों की संख्या। ‘जिले में प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है’ जैसी खबरें पूरी तरह से तथ्यहीन और भ्रम पैदा करने वाली हैं। वस्तुस्थिति यह है कि पुराने पंजीकृत मरीज ही दैनिक रूप से दवाइयां लेने, अपना इलाज कराने या परामर्श लेने हेतु अस्पताल पहुंचते हैं।
बच्चों में संक्रमण और सहायता योजना
बच्चों में एचआईवी संक्रमण को लेकर भी समिति ने स्थिति स्पष्ट की। उनके अनुसार, केवल वही बच्चे संक्रमित हुए हैं जिनके माता-पिता पहले से संक्रमण का शिकार हैं। ऐसे बच्चों की संख्या शुरुआत से अब तक मात्र 188 है, और उनका भी नियमित रूप से HIV treatment चल रहा है। इन संक्रमित बच्चों को इलाज के साथ-साथ परवरिश सामाजिक सुरक्षा योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है, ताकि उन्हें बेहतर जीवन मिल सके। बिहार की लगातार ख़बरें यहां पढ़ें।
मीडिया और नागरिकों से अपील
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने मीडिया बंधुओं से अनुरोध किया है कि वे एचआईवी/एड्स जैसे संवेदनशील बीमारी पर नियंत्रण और जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने सामाजिक सरोकार, कर्तव्य और जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए, तथ्यों की पुष्टि के बाद ही समाचारों का प्रसारण या प्रकाशन करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1, हमेशा सही खबर देने की हमारी प्राथमिकता है। समिति राज्य के नागरिकों से भी अपील करती है कि वे एचआईवी संक्रमित मरीजों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें। समिति ने अधिक से अधिक संख्या में एचआईवी जांच कराने का आग्रह किया, विशेषकर गर्भवती माताओं, यौन रोगियों, यक्ष्मा रोगियों और उच्च जोखिम समूह के स्त्री एवं पुरुषों से। यह संक्रमण सामान्य संपर्क से नहीं फैलता है, इसलिए उनके प्रति संवेदनशीलता, सम्मान और सहयोग ही समाज की वास्तविक जिम्मेदारी है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1 और हम हर संवेदनशील खबर को प्राथमिकता देते हैं।


