यह बिहार की कहानी है। या हमार बदनसीब होने का सबूत। बिहार में बाढ़ प्रभावित सुपौल जिले में कोसी नदी तटबंध के अंदर बसे लोगों के लिए अभिशाप बन गई है। कभी बाढ़ तो कभी कटाव के कारण लोग भयभीत रहते हैं।
नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी में पानी घटने और बढने का सिलसिला पिछले चार दिनों से लगातार जारी है। जिले के खुखनाहा गांव में मंगलवार को लोग काफी भयभीत थे।
चार आदमी एक खाट पर एक बुजुर्ग महिला जो काफी बीमार थी को लाद कर सदर अस्पताल ले जा रहे थे। पूछने पर मिथिलेश नामक युवक ने बताया कि कोसी का यह एम्बुलेंस है।
घाट तक खाट पर लादकर ले जाएंगे उसके बाद नाव से सुपौल। गांव में कोई भी ऐसा घर नहीं कि उनके घर मे पानी न हो। पानी बढते देख कई लोग घर तोड़ ऊंचे स्थान की ओर जा रहे थे।
खेतो में लगी फसल हुई बर्बाद
जिले में दो दिनों से कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह से तटबंध के भीतर बसे लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है। एक तरफ जरूरत के लिए घर से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है तो वहीं हजारों एकड़ में लगी फसलें भी डूब चुकी है। एक माह बाद तिलयुगा, बिहुल, भूतही बलान आदि नदी भी बीते शनिवार से उफान पर है।
मंगलवार को कोसी का डिस्चार्ज दो लाख 17 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया। निर्मली और मरौना प्रखंड क्षेत्र में फैले पानी से खेत में लगी हजारों एकड़ की फसल डूब चुकी है। अलावा कई गांवों की सड़क पर भी पानी चढ़ गया है।
अचानक नदी में काफी पानी आने से लोगों की स्थिति फिर से खराब होने लगी है। प्रखंड क्षेत्र के ललमिनिया, इटहरी, सरोजा बेला कोनी, परसौनी, कुआटोल गांव में पानी घुस गया है, जिस कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है।