सुपौल जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। लगातार बढ़ती घूसखोरी पर सख्त कदम नहीं उठाने का ही नतीजा है कि रिश्वतखोरी (Bribery in Bihar) के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लेकिन इस बार निगरानी विभाग (Vigilance Department) की टीम ने पूरी रणनीति बनाकर एक एएसआई को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
सुपौल एसडीपीओ कार्यालय में कार्यरत एएसआई रंगेहाथ पकड़ा गया
मंगलवार को निगरानी विभाग की टीम ने 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए एक एएसआई को गिरफ्तार किया। आरोपी एएसआई सुपौल एसडीपीओ के कार्यालय में रीडर (Reader at SDPO Office) के पद पर कार्यरत था। जानकारी के मुताबिक, वह एक केस में पैरवी करने के नाम पर पीड़ित से पैसे की मांग कर रहा था।
कैसे रची गई गिरफ्तारी की पूरी योजना
पीड़ित ने रिश्वत की मांग से परेशान होकर निगरानी विभाग से संपर्क किया। इसके बाद:
टीम ने शिकायत की पुष्टि की।
सुपौल पहुंचकर ट्रैप योजना (Trap Plan) बनाई।
जैसे ही एएसआई ने पैसे लिए, टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के दौरान एएसआई के पास से रिश्वत की पूरी राशि बरामद कर ली गई।
पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
कानून की रक्षा का जिम्मा उठाने वाला अधिकारी जब घूस लेते पकड़ा गया, तो पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। इस घटना ने आम जनता के भरोसे को भी चोट पहुंचाई है।
आरोपी एएसआई के खिलाफ कार्रवाई जारी
आरोपी से निगरानी विभाग पूछताछ कर रहा है।
उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
राज्य सरकार का सख्त रुख: भ्रष्टाचार पर नहीं होगी कोई ढील
यह कार्रवाई यह दिखाती है कि:
सरकार और निगरानी विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance Policy) अपनाए हुए हैं।
पुलिस जैसे संवेदनशील विभाग में भी समय-समय पर निगरानी और जांच चलती रहेगी।
आम जनता की सजगता भी बनी मिसाल
इस पूरे मामले में पीड़ित की जागरूकता और साहस भी सराहनीय है।
यदि आम नागरिक समय पर आवाज उठाएं, तो:
भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई संभव है।
सरकारी तंत्र पर जनता का भरोसा मजबूत होता है।
सुपौल की यह घटना यह साबित करती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है।