सुपौल। वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में थानाध्यक्ष पर बिगड़ गए। वीरपुर में स्थानीय पीड़ित कुछ लोगों ने मंत्री से यह शिकायत कर दिया कि (Minister deteriorated instructed even to do the case) वे लोग अपने खेत मे बालू निकाल रहे थे और दरोगा ने उनपर मुकदमा कर दिया है।
अपने क्षेत्र की जनता की इस शिकायत पर वन व पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू गुस्से में आ गए और वीरपुर थानाध्यक्ष दीनानाथ मंडल की जमकर क्लास लगा दी है। दरअसल 2008 की कुशहा त्रासदी में कोसी की बाढ़ में पानी के साथ भारी मात्रा में बालू भी इलाके में आई। आसपास के इलाके में 4 से 5 फीट बालू भर गया। जिसके कारण खेती करना संभव ही नहीं हो पा रहा था।
जानकारी मिली है कि किसानों की इस समस्या पर उस समय राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी घोषणा की कि सरकारी खर्चे पर किसानों के खेतों से बालू हटाया जाएगा और खेतों को खेती के उपयुक्त बनाकर किसानों की मदद की जाएगी। लेकिन इस बीच बुधवार को किसान अपने खेतों से बालू निकालकर अन्यत्र भेजने का काम करते हैं तो उन पर पुलिसिया कार्रवाई की जा रही है।
मंत्री नीरज सिंह वीरपुर पहुंचे तो इस बात की शिकायत स्थानीय लोगों ने उनसे की। जिसपर मंत्री नीरज कुमार ने वीरपुर थानाध्यक्ष की जमकर क्लास लगाई और उन पर थाने में मामला दर्ज करने तक की हिदायत दे डाली। मालूम हो कि हाल के दिनों वीरपुर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर दीनानाथ मंडल के द्वारा कार्रवाई करते हुए बालू लदे आठ ट्रैक्टर के चालक एवं सहयोगीयों को जेल भेज दिया गया था।
वीरपुर में मौजूद वन पर्यावरण एवं जलवायु नियंत्रण मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू के समक्ष मोहनपुर, बनैली पट्टी, ब्रम्हपुर, हृदयनगर, सीतापुर से आये किसानों ने वीरपुर थानाध्यक्ष के खिलाफ उनसे शिकायत की, जिसके बाद मंत्री ने थानाध्यक्ष को तलब कर जमकर खरी-खोटी सुना दी।
वीरपुर थानाध्यक्ष दीनानाथ मंडल का कहना था कि खनन पदाधिकारी के पत्र के आलोक में ही सफेद बालू ढ़ो रहे, बिना नंबर प्लेट के कई गाड़ियों को सीज कर कार्यवाही की गई थी।