पटना से बड़ी खबर है जहां भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में फरार मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने बुधवार को सरेंडर कर दिया। राजेंद्र प्रसाद ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया (Surrender of former Vice Chancellor Rajendra Prasad) है।
सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद से वे एसवीयू के समक्ष उपस्थित नहीं हुए और लगातार फरार चल रहे थे। आय से अधिक संपत्ति मामले में एसवीयू ने उनके बोधगया, गोरखपुर, पटना समेत सभी ठिकानों पर नवंबर 2021 को छापेमारी की थी।
इससे पहले भी विशेष निगरानी इकाई ने उनसे पूछताछ के लिए कई बार समन जारी करके बुलाया था, लेकिन वे कभी भी हाजिर नहीं हुए। ऐसे में चारों ओर से खुद को घिरता देख राजेंद्र प्रसाद ने अब सरेंडर किया है।
अंततः अब राजेन्द्र प्रसाद ने सरेंडर किया है। इसके पहले 17 नवंबर 2021 को राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर हुई छापेमारी में करीब 3 करोड़ रुपये कैश मिला था। और, 30 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ था। एसवीयू ने उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वे पेश नहीं हुए।
जानकारी के अनुसार, इनके खिलाफ कई प्रकार के आरोप हैं। इसमे कथित भ्रष्टाचार सहित वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले शामिल रहे हैं। इसी को लेकर स्पेशल विजिलेंस की टीम लगातार छापामारी कर रही थी। दो दिन पहले भी SVU ने उत्तर प्रदेश में राजेन्द्र प्रसाद के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
दरअसल, पूर्व वीसी राजेंद्र प्रसाद अपनी अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए थे। शीर्ष अदालत ने जब उनकी याचिका खारिज कर दी तो यह राजेन्द्र प्रसाद के लिए बड़ा झटका था। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा।
जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद से वे एसवीयू के समक्ष उपस्थित नहीं हुए और लगातार फरार चल रहे थे। आय से अधिक संपत्ति मामले में एसवीयू ने उनके बोधगया, गोरखपुर, पटना समेत सभी ठिकानों पर नवंबर 2021 को छापेमारी की थी।
इससे पहले भी विशेष निगरानी इकाई ने उनसे पूछताछ के लिए कई बार समन जारी करके बुलाया था, लेकिन वे कभी भी हाजिर नहीं हुए। ऐसे में चारों ओर से खुद को घिरता देख राजेंद्र प्रसाद ने अब सरेंडर किया है।