पटना: बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न जिलों में इन दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बुलडोजर की कार्रवाई जारी है। जहां एक ओर सरकारी भूमि को खाली कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हजारों गरीब परिवारों के आशियाने उजड़ने से सियासी तापमान बढ़ गया है। इसी बीच, जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने इस कार्रवाई को लेकर नीतीश सरकार और गृह मंत्री सम्राट चौधरी पर तीखा वार किया है, जिससे प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है।
तेज प्रताप यादव ने गुरुवार (27 नवंबर, 2025) को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “आज बिहार के हजारों की संख्या में गरीब, दलित, वंचित परिवार अपने-अपने घरों के टूटने से पूर्ण रूप से टूट चुका है, उनकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं लेकिन कोई उनको देखने वाला तक नहीं है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य में गरीब, दलित और वंचित लोगों के लिए ‘सामाजिक न्याय’ अब है ही नहीं।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य के कई हिस्सों से घरों को तोड़े जाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं।
गरीबों के आशियानों पर बुलडोजर, सामाजिक न्याय पर सवाल
जनशक्ति जनता दल के प्रमुख ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार में नए गृह मंत्री अपने पद को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित हैं और वे यह भूल गए हैं कि जिस जनता जनार्दन का गुणगान वे कल तक गाते थे, आज उन्हीं लोगों के घर-परिवार उजाड़ रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से नालंदा, सीतामढ़ी, पटना और आरा जैसे अनेक जिलों का उल्लेख किया, जहां पिछले दो दिनों से लगातार बुलडोजर से गरीब, दलित और वंचित समुदाय के लोगों के घर-मकान जबरन तोड़े जा रहे हैं।
तेज प्रताप यादव ने कड़ाके की ठंड के मौसम में घरों को तोड़ने की कार्रवाई पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम सभी इस बात से भली-भांति अवगत हैं कि नवंबर महीने से ही ठंड की शुरुआत हो जाती है, दिसंबर और जनवरी के महीने तो कड़ाके की ठंड पड़ती है। ऐसे ठंड के मौसम में किसी का घर टूटने का दर्द क्या होता है, यह हम सभी समझ सकते हैं, लेकिन नीतीश सरकार के नए गृह मंत्री यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस बुलडोजर प्रक्रिया से यहां की आम जनमानस के छोटे-छोटे बच्चे, महिलाओं और बुजुर्गों पर क्या बीत रही होगी।
तेज प्रताप की मांगें और चेतावनी
उन्होंने नीतीश सरकार से तत्काल इन बेबस लोगों के आशियानों को तोड़ने पर रोक लगाने की मांग की। इसके साथ ही, तेज प्रताप यादव ने यह भी मांग की कि जिन भी घरों को अब तक तोड़ा गया है, उनके रहने की उचित व्यवस्था सहित आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की जाए। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि गरीबों की आंखों से निकले आंसू और उनकी बद्दुआ से कोई नहीं बच पाएगा। उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा कि समय आने पर जनता एक-एक आंसू का हिसाब लेगी।






