
पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया चकिया पथ पर कैथवलिया-बहुआरा में विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर निर्माण का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है।
कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर से मिलते नाम के कारण कंबोडिया सरकार ने वर्ष 2012 में जो आपत्ति दर्ज की और उसके बाद निमार्ण उसी वर्ष भूमि पूजन के बाद भी नहीं सका, लेकिन अब विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य 20 जून से प्रारंभ हो जाएगा।
यह मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। इसके शिखर की ऊंचाई 270 फीट होगी। वर्ष 2025 के सावन तक मंदिर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना हो जाएगी। वहीं, उसी साल आखिर तक विराट रामायण मंदिर बनकर तैयार हो जाएगी।
विराट रामायण मंदिर तीन मंजिला होगा। मंदिर में प्रवेश के बाद प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे। वहां से बढ़ते ही काले ग्रेनाइट की चट्टान से बने विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे। महाबलिपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराश कर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है।
मंदिर की खासियत के बारे में आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्गफुट होगा। सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा और 198 फीट का एक शिखर होगा, जबकि 180 फीट के चार शिखर भी रहेंगे।
135 फीट का एक शिखर और 108 फीट ऊंचाई के 5 शिखर होंगे। विराट रामायण मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है।
अयोध्या में बन रहे रामलला मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है, जबकि सबसे ऊंचा शिखर 135 फीट का है जो विराट रामायण मंदिर से आधी ऊंचाई है।
विराट रामायण मंदिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 मंदिर होंगे। मंदिर निर्माण के लिए 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इस मंदिर वाले जगह को जानकी नगर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां कई आश्रम, गुरुकुल,धर्मशाला आदि होंगे।
महावीर मंदिर पटना के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने यह जानकारी देते बताया कि पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया में बनने वाले विश्व के सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य 20 जून से शुरू होगा।
विराट रामायण मंदिर निर्माण की पाइलिंग कराने के लिए सनटेक इंफ्रा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है, जो पटना मेट्रो के पाइलिंग का काम कर रहे हैं।
इसकी तैयारी को लेकर धार्मिक न्यास बोर्ड के सचिव किशोर कुणाल ने कैथवलिया में पिछले सप्ताह बैठक की थी। बैठक में डीएम सौरभ जोरवाल, एसपी कांतेश कुमार मिश्रा, एसडीओ सहित अन्य सरकारी कर्मी मौजूद थे।
फिर गांव के लोगों के साथ बैठक कर मंदिर निर्माण के अग्रतर स्थिति की जानकारी सभी को दी गई थी। उन्होंने जमीन की समस्या को जल्द खत्म कर कार्य को आगे बढ़ाने की बात कही। कहा कि 20 जून से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि यह हनुमानजी की देन है कि कंपनी के सीएमडी खुद आए और उन्होंने कहा कि यह काम हमें दीजिए और बगैर एडवांस के उन्होंने काम शुरू करने के लिए एग्रीमेंट किया है।
इसके लिए सिर्फ हमें मटेरियल देना है काम के आधार पर पैसा दिया जाएगा। पाइलिंग कराने का खर्च अनुमानित साढ़े 17 करोड़ रुपये रखा गया है।
कंपनी के एक अधिकारी श्रवण कुमार झा ने बताया कि विराट रामायण मंदिर में कुल 3102 पिलर होंगे। पाइलिंग कार्य में 1050 टन स्टील और 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी। निर्माण में लगनेवाली सामग्रियां महावीर मंदिर उपलब्ध कराएगा।
आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है। शिवलिंग का वजन 200 टन, ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगी।
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इतने वजन के शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया की दस किलोमीटर की दूरी तक सड़क और पुल-पुलिया के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री से किया गया है।