मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण 31 मार्च से एक अप्रैल तक गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। साथ ही हवा की गति भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। ऐसे में किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।
विभाग ने कहा है कि 30 मार्च की शाम 5:00 बजे से भारी गर्जना के साथ बारिश शुरू होगी। प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में 10 से 50 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि तैयार फसल की कटाई कर लें और उसे पानी या नमी से बचाएं।
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से कहा गया है कि रामनवमी के दिन से राज्य के 9 जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसमें रोहतास, बक्सर, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, पटना, गया, नवादा, नालंदा समेत अन्य जिले शामिल हैं। रामनवमी 30 मार्च को है। इससे रामनवमी की तैयारियों पर असर पड़ सकता है।
इधर, मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि राज्य के अधिकतर हिस्सों में 10 से 50 एमएम तक बारिश की संभावना है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का होने वाला है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य में 30 मार्च से एक अप्रैल के दौरान बारिश के आसार हैं। सूबे के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम स्तर (10 मिमी से 50 मिमी) की बारिश हो सकती है। इस दौरान बादल गरजने और 30 से 40 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की भी संभावना है।
यही नहीं कुछ जगहों पर ओला गिरने का भी अलर्ट है। मौसम में बदलाव को लेकर इस पूर्वानुमान के साथ ही किसानों को विशेष तौर से तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी रबी फसल की कटाई का समय है। ऐसे में फसलों को सुरक्षित जगहों पर भंडारण की बात कही गई है।
बेमौसम बारिश ने किसानों को चिंतित कर दिया है, किसानों के ऊपर मानो कहर बरस रहा हो। यह मार्च का महीना है। इस समय गेहूं, सरसों, मसूर एवं चना की कटाई होती है। बहुत से किसानों ने कटाई शुरू भी कर दी है। इस समय गेहूं की फसल पककर तैयार है, लेकिन बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
इस वर्ष आम की फसल बहुत अच्छी है, लेकिन मौसम का रुख बदलने से किसानों का काफी नुकसान होने की संभावना भी है। किसानों ने बताया कि अभी आम का फल बहुत छोटा है। छोटे फल वर्षा और हवा के साथ टूट कर नीचे गिर गए हैं। इस प्रकार के मौसम में खर्रा बीमारी का अधिक खतरा है।
किसान मौसम साफ होने का बिल्कुल भी इंतजार न करें। इस समय आम के बागों में प्रमुख रूप से कार्बेंडाजिम मैनकोजेब की तीन ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। मौसम में नमी बढ़ने से आम का हापर कीट बहुत तेजी से बढ़ता है।
यह मौसम इसके लिए बहुत ही अनुकूल है। इस कीट के नर-मादा व निम्फ बौर के रस को तेजी सी चूसते हैं। फंगस की बीमारी को भी फैलाने का काम करते हैं। इन्हें प्रबंधित करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड नामक कीटनाशक की 0.5 एमएल मात्रा को एक लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
न करें सिंचाई, कटाई व बुवाई, करें उचित प्रबंधन
किसानों को सलाह है कि गेहूं, मसूर एवं सरसों की फसलें पककर तैयार हैं। दो-तीन दिन मौसम देखने के बाद ही कटाई करें। कटी हुई फसलों को ऊंचे स्थानों पर रखकर तिरपाल अथवा पालिथीन से ढक दें और ऊंचे स्थानों पर रखें। उड़द मूंग की बुवाई अभी रोक दें। मौसम सही हो जाने पर ही बुवाई करें।
गेहूं की पछेती बुवाई जिन किसानों ने की है, वे मौसम सही न होने तक सिंचाई बिल्कुल न करें। जिन खेतों में जलभराव की स्थित हो, वहां पर पहले से ही जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इस समय ओलावृष्टि की अधिक संभावना है।
एक अप्रैल तक बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना
आने वाले दिनों में आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण 31 मार्च से एक अप्रैल तक कही-कही गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। साथ ही हवा की गति भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। पशुओं को छायादार स्थान पर ही बांधे। दोपहर के समय पशुओं को साफ पानी पिलाएं। बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकालें।