मुख्य बातें: 5.0 मिशन इंद्रधनुष के दूसरे चक्र की हुई शुरुआत, 1900 सत्र स्थलों पर किया जायेगा प्रतिरक्षित, दो वर्ष से कम तथा गर्भवती महिलाओं को लगेगा टीका, नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना अभियान का उद्देश्य
समीर कुमार मिश्रा, मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो प्रमुख। मधुबनी जिले में 5 वर्ष से नीचे के सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने के लिए सोमवार को (दूसरे चक्र) से सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरूआत सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने बच्चों को दवा पिलाकर की गई।
अभियान 1900 सत्र स्थलों पर चलाया जाएगा। इसमें 0 से 2 वर्ष तक के 16,460 बच्चे, 2 से 5 वर्ष के 2926 बच्चे कुल 19,386 बच्चों, एमआर 1(मीजल्स रूबेला ) के बच्चे 2922 तथा एमआर 2 के 6306 कल 7967 बच्चों को प्रतिरक्षित किया जाएगा।
वहीं 4308 गर्भवती महिलाओं, को प्रतिरक्षित किया जाएगा अभियान के तहत जिला के सभी प्रखंडों में चयनित सत्र स्थलों पर गर्भवती महिलाओं एवं 2 वर्ष तक के बच्चों का विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाव को ले टीकाकरण किया जायेगा।
90 प्रतिशत आच्छादन की प्राप्ति को लेकर इस अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाएंगे। इसके अलावा अभियान में गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी शिशु छूटे नहीं इसकी योजना बनाने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया पंचायत स्तर पर टीकाकरण समिति बनाने तथा पूर्व की रणनीति पर कार्य किया जाएगा। उन स्थलों की प्राथमिकता दी जाएगी जिन गांव तथा टोला में जहां नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं हुआ हो। कम आच्छादन वाले नियमित टीकाकरण सत्र तथा ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत 6 माह में 2 या 2 बार से अधिक टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया हो।
साथ ही ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत एक वर्ष के अंदर काली खांसी, गलघोटू, खसरे का केस या आउटब्रेक पाया गया हो। इसके अतिरिक्त ईट भट्ठा, दियारा क्षेत्र ,मलिन बस्ती इत्यादि जहां पर स्वतंत्र रूप से टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होता हो उन्हें प्राथमिकता सूची में अवश्य कवर करना सुनिश्चित करें।
मिशन इंद्रधनुष 12 बीमारियों से बचाने में सहायक:एसीएमओ डॉ. आर के सिंह ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली 12 प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियोमाइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी,डिप्थीरिया,pertusis, टिटनस और खसरे का खतरा कम होगा।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकों की संख्या 12 होती है। इसमें खसरा रूबेला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है।
नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना अभियान का उद्देश्य:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डॉ. एस के विश्वकर्मा ने बताया कि नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया में सुधार के लिये विशेष प्रयास की जरूरत है. मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है. इंद्रधनुष अभियान के तहत तीन राउंड में साप्ताहिक नियमित टीकाकरण का जिले भर में आयोजन होगा।
पहला राउंड 11 से 16 सितंबर तक किया गया है , दूसरा 09 से 14 अक्टूबर तक एवं तीसरा राउंड का 27 से 02 दिसंबर तक आयोजन होगा।
प्रत्येक राउंड में पूरे सप्ताह नियमित टीकाकरण का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गई। ताकि सामुदायिक स्तर पर अधिकाधिक लोग लाभांवित हो सकें। और अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके।
इस मौके पर एसीएमओ डॉक्टर आर.के सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर एस के विश्वकर्मा, डीसीएम नवीन दास, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद,यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा यूएनडीपी के अनिल कुमार सहित कर्मी उपस्थित थे।