फरकिया के रास्ते पूर्वी और दक्षिणी बिहार को मिथिलांचल से जोड़ने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। हसनपुर-सकरी रेलखंड की अगली कड़ी में जल्द ही हसनपुर से बिथान तक रेल सेवा शुरू हो रही है।
सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2024 तक बिथान से कुशेश्वरस्थान और कुशेश्वरस्थान से हरनगर तक रेल लाइन बनकर तैयार हो जाएगा। इससे सीमांचल, पूर्वांचल, कोशी, मगध, बेगूसराय और फरकिया के लोग ना केवल आसानी से मिथिला के देवघर-कुशेश्वरस्थान जा सकेंगे।
सकरी-हसनपुर नई रेल लाइन परियोजना के तहत अब तक पहले चरण में 36 किलोमीटर लंबे सकरी से बिरौल तक तथा दूसरे चरण में आठ किलोमीटर लंबे बिरौल से हरनगर तक निर्माण कार्य पूरा करते हुए उन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा चुका है।
अब 11 किलोमीटर लंबे हसनपुर रोड से बिथान तक निर्माण कार्य पूरा करते हुए सीआरएस निरीक्षण किया जाएगा। शेष बचे भाग बिथान से कुशेश्वरस्थान तथा कुशेश्वरस्थान से हरनगर तक का निर्माण कार्य तीव्र गति से जारी है तथा अगले वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इस रेलखंड का निर्माण हो जाने से जनकपुर जाने के साथ मिथिला के दक्षिणी प्रवेश द्वार पावन गंगा तट सिमरिया भी आना आसान हो जाएगा। पढ़िए पूरी खबर जब अब सपना होने जा रहा है साकार।
जानकारी के अनुसार, 79 किलोमीटर लंबे सकरी-हसनपुर नई रेल लाइन परियोजना के तहत नवनिर्मित 11 किलोमीटर लंबे हसनपुर रोड-बिथान रेलखंड पर 28 मार्च को पूर्वी परिमंडल कोलकाता के संरक्षा आयुक्त (रेलवे) की ओर से निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के बाद विशेष ट्रेन द्वारा स्पीड ट्रायल भी किया जाएगा।
2009 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने सकरी से बिरौल तक ट्रेन सेवा का उद्घाटन किया। इसके बाद परियोजना की गति धीमी हुई। फिर तेजी लाकर 2018 में बिरौल से हरिनगर तक काम पूरा किया गया। 2018 में ही तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रिमोट से इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया। अब हसनपुर से बिथान तक रेल सेवा शुरू होने जा रहा है।
इसके साथ ही बिथान से कौराही, कौराही से कुशेश्वरस्थान और हरनगर से कुशेश्वरस्थान बीच रेल लाइन बिछाने का कार्य तेजी से हो रहा है। संभावना है कि 50 वर्ष पूर्व देखा गया यह सपना 2024 में पूरा हो जाएगा और हसनपुर से सकरी तक सीधी रेलवे सेवा शुरू हो जाएगी।