Bihar Lok Sabha Elections। Third Phase | May 7…| hanjharpur, Supaul, Araria, Madhepura, Khagaria …हैं तैयार हम| जहां, सात चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। तीसरे चरण के लिए मंगलवार को मतदान होना है। बिहार के पांच सीटों से लेकर दस राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 94 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे। मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस चरण में जिन सीटों पर चुनाव होगा उनमें गुजरात की 25, कर्नाटक की 14, महाराष्ट्र की 11, मध्य प्रदेश की 9, छत्तीसगढ़ की 7, बिहार की 5, असम की 4 और गोवा की 2 सीट के चुनाव शामिल हैं।
Bihar Lok Sabha Elections| कई बड़े नेताओं के राजनीतिक भाग्य का फैसला
इसमें अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और डिंपल यादव समेत कई बड़े नेताओं के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। वहीं, बिहार के पांच लोकसभा क्षेत्रों झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया में मतदान होना है। तीसरे चरण में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीटों पर भी मतदान होना था। हालांकि, कई कनेक्टिविटी संबंधी समस्याओं के चलते चुनाव आयोग ने इसे 25 मई को कराने का फैसला किया है। वहीं,सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान की शुरुआत 19 अप्रैल को हुई थी। 1 जून को सातवें और आखिरी चरण का मतदान होगा। 4 जून को वोटों की गिनती की जाएगी और उसी दिन रिजल्ट आएंगे। 13 मई को चौथे चरण, 20 मई को पांचवें चरण और 25 मई को छठे चरण का मतदान होगा।
Bihar Lok Sabha Elections| झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया में कुल 54 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है
वहीं, बिहार में तीसरे चरण के जहां मतदान सात मई को होंगे। इनमें झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया में कुल 54 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। इनमें 51 पुरुष और तीन महिला उम्मीदवार हैं। झंझारपुर में 10, सुपौल में 15, अररिया में 9, मधेपुरा में 8 और खगड़िया में 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
Bihar Lok Sabha Elections| लेकिन इन सीट पर उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है।
बिहार की अररिया, सुपौल, झंझारपुर, मधेपुरा और खगड़िया सीट पर मतदान होगा, जो फिलहाल सत्तारूढ़ राजग के पास हैं। तीसरे चरण में जिन तीन सीट पर मतदान होना है। इनमें से तीन, सुपौल, झंझारपुर और मधेपुरा, वर्तमान में जदयू के कब्जे में हैं। इन सीटों पर संबंधित मौजूदा सांसदों को टिकट दिया है। अररिया और खगड़िया सीट चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खाते में चली गई हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने खगड़िया और झंझारपुर सहित सभी पांच सीट के लिए गहन प्रचार किया लेकिन इन सीट पर उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है।
Bihar Lok Sabha Elections| निषाद वोट को राजद नीत ‘महागठबंधन’ के पक्ष में करने का वादा
माकपा के बड़े नेता खगड़िया में अपनी अनुपस्थिति के कारण चर्चा में रहे, जहां पार्टी इस बार बिहार में एकमात्र सीट पर चुनाव लड़ रही है। झंझारपुर सीट पर बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की अगुवाई वाली नवोदित विकासशील इंसान पार्टी चुनाव लड़ रही है। निषाद वोट को राजद नीत ‘महागठबंधन’ के पक्ष में करने का वादा करने वाले सहनी की पार्टी को बिहार में कुल तीन सीट मिली हैं।
Bihar Lok Sabha Elections| बिहार की जिन पांच सीटों पर चुनाव होने हैं, वह सीट मुस्लिम यादव बहुल हैं।
तीसरे चरण में बिहार की जिन पांच सीटों पर चुनाव होने हैं, वह सीट मुस्लिम यादव बहुल हैं। इसके बाद भी पिछले चुनाव (2019 लोकसभा चुनाव) में लालू यादव और उनकी सहयोगियों की पार्टी का प्रदर्शन महज सन्नाटा था। इस बार तेजस्वी यादव ने यहां पूरा जोर लगा दिया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इन सभी पांच सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी।
Bihar Lok Sabha Elections| यादव-मुस्लिम के गढ़ कहे जाने वाले इन क्षेत्रों से महागठबंधन को बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं
एनडीए पर पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है तो यादव-मुस्लिम के गढ़ कहे जाने वाले इन क्षेत्रों से महागठबंधन को बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। कोसी क्षेत्र के आने वाले इन लोकसभा क्षेत्रों में मुल्लिम यादव के साथ मल्लाह वोटर भी अच्छी खासी तादाद में हैं। वो मल्लाह वोटर जिनके नेता होने का दावा मुकेश सहनी करते हैं।
Bihar Lok Sabha Elections| पांच सीटों में से एक सीट पर वीआईपी के भी उम्मीदवार मैदान में है।
इधर एनडीए भी अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने के लिए पूरी कोशिश करती नजर आ रही है। यह दीगर है, मुकेश सहनी आज तक कोई चुनाव नहीं जीत पाए हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में वह महागठबंधन के साथ हैं और तेजस्वी यादव के साथ हेलीकॉप्टर से घूम-घूम कर प्रचार कर रहे हैं। इस चरण में सहनी की साख दाव पर है। पांच सीटों में से एक सीट पर वीआईपी के भी उम्मीदवार मैदान में है।
Bihar Lok Sabha Elections| झंझारपुर, फाइट तगड़ा है
बिहार के झंझारपुर सीट पर मुंकेश सहनी की वीआईपी के सुमन कुमार महासेठ मैदान में हैं। महागठबंधन में शामिल होने के बाद राजद ने ये सीट वीआईपी को दी है। दूसरी ओर जदयू से इस सीट पर रामप्रीत मंडल हैं। इस सीट पर गुलाब यादव भी मैदान में आ गए हैं। वे कुछ दिनों से बागी हो गए हैं। इस चुनाव में वह वीआईपी से टिकट के दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। गुलाब यादव पहले विधायक रह चुके हैं। पिछले साल उनकी पत्नी ने राजद से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय एमएलसी चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी। गुलाब यादव की बेटी जिला परिषद की अध्यक्ष हैं।
Bihar Lok Sabha Elections| खगड़िया, दोनों हैं नए-नए
खगड़िया सीट महागठबंधन में सीपीएम के खाते में है। सीपीएम ने संजय कुमार कुशवाहा को मैदान में उतारा है जबकि राजग की तरफ से ये सीट एलजेपी (रामविलास) के हिस्से में है। चिराग पासवान ने यहां महबूब अली कैसर को चलता कर राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है। महागठबंधन और राजग दोनों के उम्मीदवार नए हैं। राजेश वर्मा पर एनडीए की सीट बचाए रखने की चुनौती है तो संजय कुमार कुशवाहा पर महागठबंधन को जीत दिलाने की।
Bihar Lok Sabha Elections| अररिया, समीकरण वही है
नेपाल से सटे सीमांचल के अररिया लोकसभा सीट में 40 प्रतिशत से ज्यादा यादव और 32 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इसके बाद भी 2019 में महागठबंधन यहां चुनाव हार गई थी। बीजेपी ने 1.37 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। महागठबंधन एकबार फिर माय समीकरण के सहारे मैदान में है। बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह का आरजेडी के शाहनवाज आलम से मुकाबला है।
Bihar Lok Sabha Elections| सुपौल, मुकाबला कड़ा है
लालू यादव के माय की यहां अग्निपरीक्षा है तो बीजेपी पर पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है। इस बार प्रदीप का राजद के शाहनवाज आलम से मुकाबला है। कोसी के आंचल में बसे सुपौल में इस बार 15 उम्मीदवार मैदान में हैं। कोसी क्षेत्र की सुपौल लोकसभा सीट पर जदयू के लिए सीट बचाने की चुनौती है। क्योंकि, सामान्य सीट से राजद ने दलित समाज से आने वाले चंद्र हास को टिकट देकर मुकाबले को दलित बनाम अगड़ा करने की कोशिश की है। लालू यादव को उम्मीद है कि एमवाई के साथ यदि दलित वोटर जुड़ जाते हैं तो उनकी जीत की राह आसान होगी।
Bihar Lok Sabha Elections| मधेपुरा, बनाम की लड़ाई
रोम पोप का और मधेपुरा गोप का यह कहावत यहां चरितार्थ हो पायेगा या नहीं यह कल के मतदान के बाद ही पता चलेगा लेकिन यादव वोटर यहां चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते आ रहे हैं। पूर्णिया से निर्दलीय लड़कर महागठबंधन की नाक में दम करने वाले पप्पू यादव भी यहां से सांसद रह चुके हैं। जदयू ने यहां से वर्तमान सासंद दिनेश चंद्र यादव को एक बार फिर से मैदान में उतारा है जबकि राजद ने डॉ. कुमार चंद्रदीप को टिकट दिया है। यहां एनडीए में यादव बनाम यादव की लड़ाई है। मधेपुरा का यह चुनाव लालू यादव पर अपने यादव वोटरों पर पकड़ और जदयू के लिए सीट बचाने की चुनौती है।