पटना में BTET पास शिक्षक अभ्यर्थियों पर फिर लाठी चार्ज किया गया है। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने जमकर लाठियां चटकाईं। इससे अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, लाठी खाने के बाद भी प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थी मांगों पर अड़े हैं।
जानकारी के अनुसार, सोमवार हजारों शिक्षक अभ्यर्थी डाकबंग्ला चौराहे पर जुटे। प्रदर्शन के दौरान जैसे ही जत्था सचिवालय की ओर बढ़ा इनकम टैक्स के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया। वहीं विरोध कर रहे अभ्यर्थिंयों को लाठी से खदेड़ते हुए पिटाई कर दी। इसके बाद अभ्यर्थी डाकबंगला पर आकर सड़क पर बैठ गए। इस दौरान एक की पिटाई की गई।
प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य के प्राथमिकऔर माध्यमिक स्कूलों के लिए अविलंब बहाली की विज्ञप्ति निकाला जाए। नीतीश सरकार के शिक्षा विभाग का तर्क है अभी छठे चरण के नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
इस चरण के लगभग 53 हजार पद अभी खाली हैं। इस पर टीईटी पास अभ्यर्थियों का कहना है कि रिक्ति वाले विषय में रोस्टर के अनुसार आवेदक नहीं होने से यह रिक्ति बनी हुई है। इन 53 हजार पदों को सातवें चरण में सम्मिलित करके नई विज्ञप्ति प्रकाशित किया जाए। सरकार इस पर उन्हें आश्वासवन दे रही है पर कोई बहाली नहीं हो रही है।
मौके पर तैनात एक पदाधिकारी डाकबंगला चौराहे पर दंडाधिकारी के रूप मे तैनात एडीएम लॉ एंड ऑर्डर केके सिंह ने एक प्रदर्शनकारी की लाठी से पिटाई कर दी। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी के हाथ में तिरंगा होने के बावजूद केके सिंह ने हाथ में डंडा लेकर उस पर लाठी बरसाई। सीधे-सीधे तिरंगे को निशाना बनाकर अभ्यर्थी के हाथ पर केके सिंह हमला करते रहे, लगातार दर्जनों बार तिरंगे पर लाठी से प्रहार किया। तिरंगे का अपमान वहां खड़े पुलिस और प्रशासन के दूसरे लोग भी देख रहे थे।
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी ने झंडा अपने हाथ से नीचे नहीं गिरने दिया लेकिन एडीएम के के सिंह नहीं रुके। वे तब तक लाठी बरसाते रहें जब तक अभ्यर्थी लहूलुहान नहीं हो गया। अभ्यर्थी ने जब इस सब के बावजूद भी तिरंगा हाथ से नहीं छोड़ा तो वहां खड़े पुलिस के एक दूसरे जवान को तिरंगे का अपमान नहीं देखा गया और उसने अभ्यर्थी के हाथ से तिरंगा ले लिया लेकिन एडीएम केके सिंह को इसके बावजूद भी शर्म नहीं आई।
इसके बाद सुरक्षा में तैनात सिपाहियों ने भी सड़क पर गिरे अभ्यर्थी को लाठी से पीटा। इससे प्रदर्शनकारी और ज्यादा उग्र हो गए। उनका कहना है कि सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की विज्ञप्ति निकले बगैर वे वापस नहीं जाएंगे। पुलिस के पदाधिकारी और पटना सदर एसडीएम उन्हें समझाने में लगे हैं।