KK Pathak | Bihar Teachers | बिहार के स्कूलों की टाइमिंग बदल गई है। कब आएंगे शिक्षक यह ACS KK Pathak ने तय कर दिया हैै। साथ ही, पढ़ाई और शिक्षकों के आने की टाइमिंग तय हो गई है। इसके साथ ही, सरकार और खासकर सीएम नीतीश के आदेश के बाद विपक्षी हमले के बीच केकेपाठक का यह फैसला उहापोह की स्थिति से स्कूली छात्रों और शिक्षकों को अब बाहर निकाल दिया है।
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KK Pathak | Bihar Teachers | बिहार में शिक्षकों के स्कूल आने-जाने का समय तय हो गया है
बिहार में शिक्षकों के स्कूल आने-जाने का समय तय हो गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अब सबकुछ साफ कर दिया है। इसके तहत, अब शिक्षकों को 10 बजे के पूर्व विद्यालय आना ही होगा।
KK Pathak | Bihar Teachers | छुट्टी के बाद भी कुछ देर तक रुकना ही होगा
साथ ही, छुट्टी के बाद भी कुछ देर तक रुकना ही होगा। वहीं छात्रों की कक्षाएं सुबह 10 बजे से शुरू होंगी। जो, शाम चार बजे तक चलेंगी। एक कक्षा का समय चालीस मिनट का होगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने यह भी कहा कि विद्यालय में पठन-पाठन सुबह 10 से शाम चार बजे तक होगा। इससे पहले विभाग ने स्कूल आने का समय सुबह नौ बजे और छुट्टी शाम पांच बजे कर दिया था।
KK Pathak | Bihar Teachers | अच्छी अपील है शिक्षकों से, बिहार के शिक्षा हित में सोचिए
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बताया कि चूंकि कमजोर बच्चे हैं। उन्हें पढ़ाना है।निरीक्षण में पाया गया है कि आठवीं का बच्चा हिंदी नहीं पढ़ पा रहा है। दूसरे विषयों की बात तो दूर की बात है। हमें ऐसे बच्चों के लिए कुछ रुक कर पढ़ाना है। इस तरह साफ हो गया कि शिक्षको को नौ बजे से पहले आने की दिक्कत से राहत मिल गयी है।
KK Pathak | Bihar Teachers | अब पठन-पाठन का समय यूं रहेगा कि
जानकारी के अनुसार, अब पठन-पाठन का समय यूं रहेगा कि सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक, शिक्षकों के लिए: 10 बजे के पूर्व विद्यालय आना होगा। छुट्टी के बाद कुछ देर तक रुकना होगा।
KK Pathak | Bihar Teachers | इससे पहले क्या था समय,
इससे पहले क्या था समय, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्कूल आने का समय सुबह 9 बजे और छुट्टी शाम 5 बजे निर्धारित किया था। 20 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पठन-पाठन का समय 10 से 4 बजे करने की घोषणा की थी। शिक्षकों से 15 मिनट पहले स्कूल आने और छुट्टी के 15 मिनट बाद स्कूल छोड़ने की अपेक्षा जताई थी।
KK Pathak | Bihar Teachers | पचास फीसद बच्चे अब भी अपने कक्षा के अनुसार दक्ष नहीं, सोच को ताकत की जरूरत
विभाग और स्वंय केके का मानना है कि जो बिहार की शिक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण बातें हैं कि लगभग पचास फीसद बच्चे अब भी अपने कक्षा के अनुसार दक्ष नहीं हैं। छुट्टी होने के कुछ देर बाद तक विद्यालयों के कमजोर छात्र-छात्राओं को मिशन दक्ष के माध्यम से विशेष रूप से शिक्षा दी जाए। तय है, यह सोच, बिहार की शिक्षा को संजीवनी देगा…।