
मुख्य बातें: उच्चैठ से अयोध्या के लिए साइकिल से विदा हुए केवाईसी के छात्र नीरज, करीब 500 किलोमीटर की विशाल दूरी तय कर पहुंचेंगे अयोध्या, देशज टाइम्स फोटो : बेनीपट्टी के उच्चैठ में से अयोध्या के लिए साइकिल से विदा होते हुए नीरज
बेनीपट्टी, मधुबनी देशज टाइम्स। कमल युवा क्लब का जाबांज नीरज रविवार को करीब 10 बजे पूर्वाह्न साइकिल से उच्चैठ भगवती स्थान से अयोध्या के लिए रवाना हो गए। उनकी यह दिलेरी पूरे मधुबनी में चर्चा का (Madhubani student Neeraj left for Ayodhya on bicycle to meet Lord Ram) विषय बनी हुई है़।
Ram Mandir Pran Pratistha | इच्छा थी साइकिल से ही अयोध्या जाने की, इनकी मिली मदद
केवाईसी में ट्रेनिंग ले रहे नीरज कुमार का घर बेनीपट्टी थाने के नजदीक है। नीरज की इच्छा थी कि वो साइकिल से ही अयोध्या राम मंदिर पहुंचें। इसीलिए केवाईसी की ओर से उनको साइकिल भेंट की गई। इसके अलावा भी कई लोगों और कई समितियों ने सहयोग भी प्रदान किया है़। साथ ही स्वागत भी किया गया है़। विद्यापति चौक, अंबेडकर चौक, उच्चैठ भगवती स्थान, बनकट्टा चौक, बसैठा चौक, पाली चौक सहित विभिन्न स्थानों पर उनको स्नेह प्राप्त हो रहा है।
Ram Mandir Pran Pratistha | बेनीपट्टी के लोगों में है भारी उत्साह,पंकज बोले, है बड़ा मेहनती
पूरे बेनीपट्टी बाजार वासियों को अत्यधिक खुशी है कि यहां का बच्चा हिम्मत करके 500 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करते हुए राम मंदिर अयोध्या पहुंचेगा। इसको लेकर बेनीपट्टी के सभी लोगों में उत्साह भरा हुआ है। उसी उत्साह के साथ केवाईसी के संचालक पंकज कुमार झा ने कहा कि यह बच्चा बहुत ही मेहनती है। अब मुझे विश्वास है कि जल्दी यह हमारे बीच में सुरक्षित भगवान श्रीराम के दर्शन करके वापस आएगा।
Ram Mandir Pran Pratistha | नीरज कुमार झा के प्रयास को लक्ष्मण पंडित ने सराहा
लक्ष्मण आर्ट के संचालक लक्ष्मण पंडित ने कहा कि कहीं ना कहीं यह बहुत ही अच्छी पहल है। ऐसे युवाओं की समाज में बहुत ही आवश्यकता है। इस 22 वर्ष की उम्र में नीरज कुमार झा ने एक बेहतर प्रयास किया।
Ram Mandir Pran Pratistha | यही लक्ष्य,हर दिन सौ किमी चलाएंगें साइकिल, रूकेंगे मठ-मंदिरों में करेंगे विश्राम
लक्ष्मण पंडित ने उनके कार्यों को सराहना की और केवाईसी तथा आपकी सेवा संस्थान की ओर से नीरज कुमार झा को माला अंगवस्त्र से सम्मानित भी किया गया। बता दें कि नीरज प्रत्येक दिन लगभग सौ किलोमीटर साइकिल चलाने का लक्ष्य लेकर निकले हैं, साथ ही अंधेरा और रात होने के बाद कहीं मंदिर या मठ पर ही विश्राम करेंगे।