मुख्य बातें: मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे राम आएंगे…मैथिली गीतों से लेकर हर वो गीत जो श्रीराम को समर्पित है, से गूंजायमान हो रहा था जनकपुरधाम, मिथिला के राजा जनक के न्योता पर जनकपुरधाम पधारे है प्रभु श्रीराम, प्रभु श्रीराम के नगर दर्शन से विवाहोत्सव रस्म की हुई शुरुआत, महोत्सव के पहले दिन प्रभु श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण व गुरु विश्वामित्र के साथ किया नगर दर्शन, आज फुलवारी लीला में होगी जनक नंदनी किशोरी से होगी पहली मुलाकात, देशज टाइम्स तस्वीर प्रभु श्रीराम को नगर दर्शन करवाते जानकी मंदिर के महंत व अन्य
हरलाखी/जनकपुर, मधुबनी देशज टाइम्स। मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे राम आएंगे…यह गीत आप जैसे ही हरलाखी और जनकपुर के बीच पहुंचने लगेंगे आपके कानों में यह मिश्री घोल देगा। साथ ही मैथिली गीतों से गूंजायमान हो रहा जनकपुरधाम जहां मिथिला के राजा जनक के न्योता पर जनकपुरधाम पधारे प्रभु श्रीराम के (Ram-Janaki marriage festival celebrated from Madhubani to Janakpur) नगर दर्शन से पूरा इलाका धन्य हो उठा है।
विवाहोत्सव रस्म की शुरुआत के साथ महोत्सव के पहले दिन प्रभु श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण व गुरु विश्वामित्र के साथ जब नगर दर्शन किया। आज फुलवारी लीला में जनक नंदनी किशोरी से होगी उनकी पहली मुलाकात होने की सोचकर भक्तगण गदगद हैं। इसको लेकर देशज टाइम्स जो तस्वीर लेकर आपतक पहुंचा रहा है उसमें प्रभु श्रीराम को नगर दर्शन करवाते जानकी मंदिर के महंत व अन्य साफ दिखाई दे रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर
भारत के पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में इन दिनों प्रभु श्रीराम व माता जानकी के विवाह महोत्सव को लेकर धूम मची हुई है। महोत्सव के पहले दिन श्रीराम के स्वागत में मैथिली लोक गीतों की गूंज के साथ भक्तिमय हो रहे माहौल से पूरा जनकपुरधाम गुंजायमान हो रहा था।
यहां के लोग इस उत्सव को श्रीसीताराम विवाह पंचमी महोत्सव के रूप में मनाते हैं। सात दिवसीय इस विवाहोत्सव के पहले दिन गुरु विश्वामित्र व अनुज लक्ष्मण के साथ प्रभु श्रीराम के नगर दर्शन से विवाह महोत्सव के रस्म की शुरुआत हुई। इस दौरान बड़ी सख्या में स्थानीय मैथिलानि व आगत श्रद्धालु जानकी मंदिर में मौजूद थे।
नगर दर्शन के लिए प्रभु श्रीराम अपने गुरु विश्वामित्र व भ्राता लक्ष्मण के जनक दरबार से निकलकर मंच पर विराजमान होते ही एक तरफ जहां जय जय श्रीसीताराम के जयघोष से मंदिर परिसर गूंजने लगा। वहीं दूसरी ओर प्रभु के दर्शन को बैठी मैथिलानि व अन्य श्रद्धालुओं ने वैवाहिक लोक गीतों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। मैथिली लोक गीतों के बीच मंच से उतर कर प्रभु श्रीराम ने नगर परिक्रमा किया। वहीं,लोगों के जेहन में यही उतर रहा था कि मेरे झोपड़ी के भाग्य आज जाग जाएंगें जब राम आएंगें।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विदेह राज राजा जनक अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए एक प्रतिज्ञा लिए थे कि जो योद्धा भगवान परशुराम के धनुष को तोड़ेगा उसी के साथ पुत्री सीता का विवाह संपन्न कराया जायेगा। इसको लेकर विदेह राज ने धनुष यज्ञ की घोषणा की। धनुष यज्ञ में शामिल होने के लिए देश विदेश के राजा महाराजाओं को आमंत्रित किया था।
इसी क्रम में अयोध्या के राजा दशरथ को भी न्योता भेजा गया। अवध नरेश के न्योता पर प्रभु श्रीराम अपने गुरु विश्वामित्र व भ्राता लक्ष्मण के साथ मिथिला की राजधानी जनकपुरधाम पहुंचे थे। जहां प्रभु श्रीराम को मिथिला अथवा नगर दर्शन कराया गया था।
इसी परंपरा को प्रत्येक वर्ष विवाह महोत्सव के पहले दिन काफी उत्साहित वातावरण में मंगल गीतों के साथ निभाया जाता है। विवाहोत्सव को लेकर जानकारी देते हुए जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रौशन दास ने बताया कि सात दिवसीय विवाहोत्सव के पहले दिन का विधान प्रभु के नगर दर्शन से संपन्न हुआ है। आज प्रभु श्रीराम फुलवारी लीला करेंगे। जहां जनक नंदनी माता किशोरी से उनकी पहली मुलाकात होगी।
14 दिसंबर को धनुष यज्ञ,15 को तिलकोत्सव,16 को मटकोर, 17 को स्वयंवर व विवाह, 29 को राम कलेवा के साथ विवाह महोत्सव का समापन होगा। उन्होंने विश्व वासियों को प्रभु श्रीराम व माता जानकी के इस विवाह महामहोत्सव में शामिल होने की अपील की है।
नगर दर्शन के दौरान सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम:जानकी मंदिर परिसर में नगर दर्शन के लिए प्रभु श्रीराम, ऋषि विश्वामित्र व शेषावतार लक्ष्मण के मंच पर पहुंचते ही सुरक्षा कर्मियों ने चारों ओर घेरा डाल दिया। सुरक्षा कर्मी इस तरह चौकसी बरत रहे थे की परिंदा भी पैर नहीं मार सकता है। पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रभु को मिथिला नगरी अर्थात जनकपुरधाम का दर्शन कराया गया।