Renewable Energy: भारत की ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) गुजरात के कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा प्लांट का निर्माण कर रही है। यह परियोजना न केवल भारत के ऊर्जा परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य की एक नई तस्वीर भी पेश करती है।
गुजरात का विशालकाय नवीकरणीय ऊर्जा प्लांट: दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा केंद्र
अडानी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर प्रणव अडानी ने हाल ही में एक टेलीविजन इंटरव्यू में इस महत्वाकांक्षी परियोजना का विस्तृत जिक्र किया। खावड़ा के रेगिस्तानी इलाके में 538 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला यह प्लांट आकार में फ्रांस की राजधानी पेरिस से भी पाँच गुना बड़ा है, जो इसकी भव्यता को दर्शाता है।
2023 में शुरू हुए इस प्लांट ने महज दो सालों में 5000 मेगावाट या 5 गीगावाट की उत्पादन क्षमता हासिल कर ली है। कंपनी का लक्ष्य अगले पांच सालों में इस क्षमता को बढ़ाकर 30 गीगावाट तक पहुंचाना है, जिससे यह वास्तव में एक वैश्विक ऊर्जा महाशक्ति बन जाएगा।
खावड़ा में नवीकरणीय ऊर्जा का महाकुंभ
प्रणव अडानी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की विशालता इतनी है कि भविष्य में इसे चाँद से भी देखा जा सकेगा। अनुमान है कि 2030 तक यह हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा पार्क दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा केंद्र होगा, जहाँ सोलर और विंड दोनों तरह की ऊर्जा का उपयोग कर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। यह प्लांट पूरी तरह से AI-आधारित है, जहाँ हजारों इंजीनियर और मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं, वहीं सफाई जैसे कई कार्यों के लिए रोबोट्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अडानी समूह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसका लक्ष्य 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन कंपनी बनना है। खावड़ा, भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित एक ऐसा इलाका है जो अपनी अत्यधिक गर्मी और शुष्कता के लिए जाना जाता है।
यहाँ मीलों तक फैले रेगिस्तान में, जहाँ गर्मियों में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है और 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी हवाएँ चलती हैं, जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। ऐसे दुर्गम स्थान पर दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा प्लांट स्थापित करना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।
प्रणव अडानी का कहना है कि यह सुनसान इलाका वास्तव में ऐसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिए एकदम सही है, क्योंकि यह बेकार पड़ी जमीन को एक मूल्यवान ऊर्जा केंद्र में बदल रहा है। यह सोलर पावर की असीमित क्षमता का एक जीता-जागता उदाहरण है।
भारत के ऊर्जा लक्ष्यों को साधता यह प्लांट
भारत में स्वच्छ ऊर्जा पर तेजी से काम हो रहा है। देश में चौबीसों घंटे बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अभी भी कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता है, हालांकि आधुनिक अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल कोल टेक्नोलॉजी पुराने सिस्टम की तुलना में बहुत कम उत्सर्जन करती है। यह नवीकरणीय ऊर्जा प्लांट भारत में स्वच्छ ऊर्जा के हिस्से को काफी बढ़ाएगा, विशेषकर ऐसे समय में जब देश तेजी से आर्थिक विकास के साथ-साथ अपने जलवायु प्रतिबद्धताओं को भी पूरा करने का प्रयास कर रहा है।
यह परियोजना भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने में मदद करेगी और वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
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