नई दिल्ली: एक ओर जहाँ वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं से जूझ रही है, वहीं भारत उम्मीद की एक किरण बनकर उभर रहा है। मजबूत बुनियादी आर्थिक कारकों और सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे सुधारों के दम पर, भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्तीय वर्ष (2025-26) में 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ने के लिए तैयार है। यह अनुमान फिक्की के नए अध्यक्ष अनंत गोयनका ने हाल ही में व्यक्त किया है, जो देश के आर्थिक भविष्य के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष जोर
फिक्की के अध्यक्ष के रूप में, अनंत गोयनका की प्राथमिकताओं में से एक विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को वर्तमान 15-17 प्रतिशत से बढ़ाकर भविष्य में 20-25 प्रतिशत तक ले जाना है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, निकाय ने कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है। इसमें अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 0.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 1 प्रतिशत करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करना, व्यापार करने में आसानी (ease of doing business) को और सुगम बनाना, व्यापार एवं आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा सुनिश्चित करना, और विनिर्माण उत्कृष्टता को बढ़ावा देना भी एजेंडे में शीर्ष पर हैं।
सुधारों से मजबूत हुई अर्थव्यवस्था
अनंत गोयनका ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “मुझे लगता है कि जीडीपी 2025-26 के दौरान सात प्रतिशत से अधिक दर से बढ़ेगी। आयकर श्रेणी, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और श्रम संहिता में हुए बदलावों के बाद, मुझे लगता है कि सुधारों के साथ भारत की वृहद आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत दिख रही है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि व्यापार के मोर्चे पर मौजूद चुनौतियों का समाधान भी “बेहद कम” समय में हो जाएगा, जिससे एक मजबूत कारोबारी माहौल तैयार होगा।
निजी निवेश और क्षमता का उपयोग
गोयनका ने कहा कि निजी निवेश और पूंजीगत व्यय (capital expenditure) भी अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। जैसे-जैसे विभिन्न उद्योगों में क्षमता का उपयोग बढ़ेगा, उद्योग द्वारा नए निवेश भी स्वाभाविक रूप से बढ़ेंगे। यह एक सकारात्मक चक्र शुरू करेगा, जो आर्थिक विकास को और गति देगा। गौरतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था ने जुलाई-सितंबर तिमाही में अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 8.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की, जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे तेज गति है। यह आंकड़े देश की आर्थिक ताकत और लचीलेपन को दर्शाते हैं।
गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और टिकाऊ प्रथाओं को अपनाना भी विनिर्माण उत्कृष्टता के प्रमुख पहलू होंगे।








