जयपुर से जुड़ी एक परियोजना, एक बड़ा वित्तीय आरोप और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ताबड़तोड़ कार्रवाई! उद्योगपति अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बैंक खातों में जमा 77.86 करोड़ रुपये ED ने फ्रीज कर दिए हैं. मामला फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के कथित उल्लंघन से जुड़ा है, जिसने एक बार फिर अंबानी परिवार को जांच एजेंसियों की सुर्खियों में ला दिया है.
यह कार्रवाई रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा शेयर बाजार को दी गई जानकारी के बाद सामने आई है. कंपनी ने बताया कि उन्हें ED से एक आदेश मिला है, जिसके तहत FEMA के प्रावधानों के तहत उनके बैंक खातों में रखी 77.86 करोड़ रुपये की राशि पर रोक लगा दी गई है. FEMA कानून विदेशी मुद्रा से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करता है और इसका स्वरूप मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों के तहत होने वाली आपराधिक प्रक्रियाओं से अलग, सिविल प्रकृति का होता है.
ईडी की यह जांच जयपुर-रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से संबंधित है, जिसमें गंभीर अनियमितताओं का आरोप है. ED का दावा है कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए मिले लगभग 100 करोड़ रुपये को अवैध रूप से हवाला मार्ग के ज़रिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भेज दिया.
क्या हैं ED के आरोप और अंबानी का पक्ष?
प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले भी इस FEMA मामले में रिलायंस ADAG के प्रमोटर अनिल अंबानी को दो बार समन भेजा था. हालांकि, अनिल अंबानी ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने से मना कर दिया था और वर्चुअल या रिकॉर्डेड वीडियो के माध्यम से अपना बयान दर्ज कराने की मांग की थी, जिसे जांच एजेंसी ने अस्वीकार कर दिया था.
दूसरी ओर, इस मामले पर अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने पहले स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि यह FEMA मामला 15 साल पुराना है और वर्ष 2010 से संबंधित है. यह मामला सड़क निर्माण के लिए मिले ठेके से जुड़ा है. बयान में कहा गया है कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को उस वर्ष जयपुर-रींगस टोल रोड (जयपुर-रींगस हाईवे) बनाने के लिए एक ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) अनुबंध मिला था. यह पूरी तरह से एक घरेलू परियोजना थी, जिसमें विदेशी मुद्रा का कोई घटक शामिल नहीं था. प्रवक्ता ने यह भी बताया कि हाईवे का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और 2021 से यह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है.
बेटे जय अनमोल पर CBI का शिकंजा
एक ओर जहां अनिल अंबानी FEMA के तहत जांच का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके बेटे जय अनमोल अंबानी की मुश्किलें भी बढ़ती दिख रही हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जय अनमोल पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 228 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में केस दर्ज किया है.
इस सिलसिले में सीबीआई ने कफ परेड स्थित ‘सी विंड’ में जय अनमोल के घर की तलाशी भी ली थी. यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और उससे संबंधित लोन डिफॉल्ट से जुड़ा है, जिसमें पहले अनिल अंबानी पर भी कार्रवाई हो चुकी है. दरअसल, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड ने यूनियन बैंक की मुंबई SCF ब्रांच से 450 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट लोन लिया था. बैंक का आरोप है कि व्यापार के लिए लिए गए इस लोन को अन्यत्र डायवर्ट किया गया, जिससे बैंक को 228.06 करोड़ रुपये का बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ है.
शेयरों पर दिखा असर
इन खबरों का असर हाल ही में अनिल अंबानी समूह (ADAG) की कंपनियों के शेयरों पर भी देखने को मिला. बाजार खुलने के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में 5 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई. रिलायंस पावर के शेयर की कीमत 4 प्रतिशत से अधिक गिरकर 34.18 रुपये के निचले स्तर पर आ गई थी. इसी तरह, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का स्टॉक भी लगभग 5 प्रतिशत के निचले सर्किट को छूते हुए 132.90 रुपये पर आ गया, जो कि इसके 52-हफ्ते का सबसे निचला स्तर भी था. इन कानूनी कार्रवाइयों के चलते आने वाले समय में भी समूह की कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है.


