Gold Price: साल 2025 में सोने की कीमतों ने एक अभूतपूर्व उछाल देखा है, जिसने निवेशकों और आम जनता दोनों को चौंका दिया है। अब यह सवाल अहम हो गया है कि क्या यह तेजी का रुझान 2026 में भी जारी रहेगा या क्या यह चमक फीकी पड़ने वाली है? बाजार के दिग्गज और कमोडिटी विशेषज्ञ आने वाले समय में पीली धातु के भविष्य को लेकर क्या अनुमान लगा रहे हैं, आइए जानते हैं।
Gold Price: क्या 2026 में सोना छूएगा नया आसमान?
साल 2025 में Gold Price में गजब का उछाल आया है, जहां कीमतें 55 प्रतिशत तक चढ़ गईं। 31 दिसंबर 2024 को सोने की कीमत 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब बढ़कर 1,38,550 रुपये पर पहुंच चुकी है। इस साल अब तक सोना 59,600 रुपये महंगा हुआ है।
Gold Price: क्या होगी 2026 तक सोने की कीमत?
जेपी मॉर्गन में ग्लोबल कमोडिटीज स्ट्रैटेजी की हेड नताशा कानेवा का मानना है कि सेंट्रल बैंकों और निवेशकों द्वारा सोने में डाइवर्सिफिकेशन का लॉन्ग-टर्म ट्रेंड अभी और चलेगा। इसे देखते हुए उम्मीद है कि सोने की मांग 2026 के आखिर तक कीमतों को 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा देगी। जेपी मॉर्गन ग्लोबल रिसर्च 2026 की आखिरी तिमाही तक सोने की औसत कीमत 5,055 प्रति औंस (लगभग 1.60 लाख प्रति 10 ग्राम) रहने का अनुमान लगा रहे हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
जेपी मॉर्गन की ही तरह वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सीईओ का भी कहना है कि साल 2026 के आखिर तक सोना 6,000 डॉलर प्रति औंस (लगभग 1.92 लाख प्रति 10 ग्राम) तक जाने की संभावना है। इसके अलावा, गोल्डमैन सैक्स को भी उम्मीद है कि अगले साल सोना 4900 डॉलर प्रति औंस यानी कि 1,53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी का भी कुछ ऐसा ही सोचना है। इसके मुताबिक, साल 2026 में सोने का भाव 1,44,068 प्रति 10 ग्राम के रेंज में जा सकता है। यह दर्शाता है कि सोने में निवेश अभी भी विशेषज्ञों की पहली पसंद बना हुआ है।
आमतौर पर, कमजोर अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी फेड रिजर्व की कम होती ब्याज दर वाले माहौल में सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ती है। इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताएं भी कीमतें बढ़ने के पीछे जिम्मेदार हैं। किसी भी अनिश्चितता के समय सोने पर निवेश बीमा के रूप में काम करता है।
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बढ़ती वैश्विक मांग और निवेशक रुझान
जे.पी. मॉर्गन में बेस और कीमती धातुओं की रणनीति के प्रमुख ग्रेगरी शीयर ने बताया कि 2025 की तीसरी तिमाही में निवेशक (ईटीएफ, फ्यूचर्स, बार और सिक्के) और सेंट्रल बैंक की सोने की कुल मांग लगभग 980 टन थी, जो पिछली चार तिमाहियों के औसत से 50 प्रतिशत से ज्यादा है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि वैश्विक स्तर पर सोने की खरीदारी में जबरदस्त उछाल आया है।
हाल के समय में कीमतें बढ़ने के बाद अब काल्पनिक रूप से कीमतों में और उछाल आने की संभावनाएं नजर आती हैं क्योंकि 2025 की तीसरी तिमाही में निवेशकों ने 3,458 औंस प्रति डॉलर की औसत सोने की कीमतों पर लगभग 109 बिलियन डॉलर का निवेश किया, जो 950 टन के बराबर है। यह पिछली चार तिमाहियों के औसत से लगभग 90 प्रतिशत ज्यादा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। सोने में निवेश का यह बढ़ता क्रेज इसके भविष्य के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है।
निष्कर्षतः, विशेषज्ञों के अनुमान और बढ़ती वैश्विक मांग को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि 2026 तक Gold Price नए रिकॉर्ड स्तर छू सकती हैं, जो निवेशकों के लिए उत्साहजनक खबर है और मध्यम वर्ग के लिए इसे खरीदना और महंगा बना सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




