Gold Prices: भारतीय सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं, जिसने आम खरीदारों की जेब पर भारी असर डाला है। एक तरफ जहां लग्जरी मानी जाने वाली पीली धातु आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ लोग इसकी बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए नए तरीके ढूंढ रहे हैं, जिससे ज्वेलरी मार्केट में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।
# Gold Prices: रिकॉर्ड तोड़ महंगाई के बीच भारतीयों ने खोजा सस्ता सोना खरीदने का ‘जुगाड़’!
## Gold Prices: 24 कैरेट सोने में ऐतिहासिक उछाल
शुक्रवार, 26 दिसंबर को भारत में 24 कैरेट सोने की कीमतों में एक ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया गया। इस दिन 100 ग्राम सोने की कीमत में ₹58,000 और 10 ग्राम में ₹5,800 की बढ़ोतरी हुई, जिसने देश भर में सोने के दाम को अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया। क्रिसमस के ठीक एक दिन बाद, यह बढ़ोतरी उन लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है जो सोने में निवेश या खरीदारी की सोच रहे हैं।
इस दौरान, सोने की कीमतें राज्यों के अनुसार अलग-अलग रहीं। हैदराबाद में 10 ग्राम सोना ₹1,40,020 पर सबसे सस्ता बिका, जबकि चेन्नई में यह ₹1,40,620 प्रति 10 ग्राम के साथ सबसे महंगा रहा। कीमतों में यह बेतहाशा वृद्धि मध्यम वर्ग के लिए सोने को और भी महंगा बना रही है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि इस भारी उछाल के बावजूद, सोने की खरीदारी में कोई खास कमी नहीं आई है। लोगों ने इसे खरीदने का एक स्मार्ट तरीका अपना लिया है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
## बदलती प्राथमिकताएं और नया ट्रेंड
जहां पहले 22 कैरेट शुद्ध सोने की मांग अधिक थी, वहीं अब लोग 14 और 18 कैरेट सोने को प्राथमिकता देने लगे हैं। ये कैरेट पहले मुख्य रूप से हीरे जड़ित ज्वेलरी के लिए उपयोग किए जाते थे क्योंकि इनकी मजबूती और टिकाऊपन हीरे को मजबूती से पकड़े रखने में मदद करता है और गहनों को टूटने या मुड़ने से बचाता है। लेकिन, अब सोने की बढ़ती कीमतों के कारण लोग इन्हें सामान्य गहनों के लिए भी खरीद रहे हैं और बेच भी रहे हैं, जिससे ज्वेलरी मार्केट में एक नया ट्रेंड स्थापित हो गया है।
## शुद्ध सोने की घटती मांग और भविष्य की चुनौतियां
अहमदाबाद ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार, साल 2025 की शुरुआत में 10 ग्राम सोने की कीमत ₹80,000 थी, जो अब बढ़कर ₹1.42 लाख तक पहुंच गई है। महज दो साल पहले तक, भारतीय शादियों में बनने वाले गहनों में 22 कैरेट सोने की हिस्सेदारी लगभग 75% थी, लेकिन अब यह घटकर 50% रह गई है। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि लोगों की क्रय शक्ति पर बढ़ती कीमतों का क्या असर हो रहा है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में 14-18 कैरेट सोने की मांग बनी रहेगी। बढ़ी हुई कीमतों के चलते सभी के लिए 22 कैरेट सोने के गहने खरीदना संभव नहीं है, और चूंकि सोने के गहनों के बिना शादी जैसे शुभ अवसर अधूरे माने जाते हैं, ऐसे में 14 से 18 कैरेट गोल्ड एक व्यवहार्य और आकर्षक विकल्प के रूप में उभर रहा है।
## सोने-चांदी के भविष्य पर विशेषज्ञों की राय
कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह का कहना है कि सोने और चांदी में पिछले कुछ समय से देखी जा रही रिकॉर्ड तेजी 2026 में शायद जारी न रहे, हालांकि इसके लिए समग्र दृष्टिकोण अभी भी सकारात्मक बना हुआ है। उन्होंने निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए एसेट एलोकेशन के ‘धर्म’ का पालन करने की सलाह दी। शाह ने कहा, “कीमती धातुओं में हमने जिस तरह की तेजी देखी है, 2026 में उसके दोहराए जाने की संभावना नहीं है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। हालांकि, केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार खरीदारी और चांदी की औद्योगिक मांग, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते चलन से, सोने और चांदी दोनों के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है।” यह बताता है कि भले ही तात्कालिक तेजी थम जाए, लेकिन बुनियादी कारक इन धातुओं को समर्थन देते रहेंगे। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
## निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण सबक
बढ़ती Gold Prices के बीच निवेशकों को सावधानी और रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा। जहां 14-18 कैरेट सोने की बढ़ती लोकप्रियता खरीदारों के लिए एक सस्ता विकल्प प्रदान कर रही है, वहीं लंबी अवधि के निवेशक अभी भी बाजार की चाल और वैश्विक आर्थिक कारकों पर नजर रख रहे हैं। यह स्थिति भारतीय उपभोक्ता के लचीलेपन और बदलते बाजार के प्रति उनकी अनुकूलन क्षमता को दर्शाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



