Gold Price Outlook: साल 2025 में सोना और चांदी ने निवेशकों को मालामाल करने का शानदार मौका दिया। कीमतों में आई जबरदस्त तेजी ने बुलियन मार्केट में नए रिकॉर्ड बनाए, जिससे हर तरफ उत्साह का माहौल है। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या साल 2026 में भी यह चमक बरकरार रहेगी या निवेशकों को कोई झटका लगेगा? आइए, जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स और किन बातों का रखना होगा ध्यान।
साल 2026 में Gold Price Outlook: क्या बनी रहेगी सोने-चांदी की चमक?
Gold Price Outlook: साल 2025 निवेशकों के लिए एक बेहद फायदेमंद वर्ष साबित हुआ, जहाँ सोना और चांदी दोनों ने अभूतपूर्व मुनाफा कमाया। वर्ष की शुरुआत से लेकर अंत तक कीमतों में लगातार तेजी दर्ज की गई, जिससे इन बहुमूल्य धातुओं में निवेश करने वाले निवेशक खूब लाभान्वित हुए। दिसंबर 2024 तक, चांदी ₹85,146 प्रति किलोग्राम पर बिक रही थी, जो पिछले एक साल में लगभग 144% की शानदार वृद्धि दर्शाती है। इसी अवधि में, सोने की कीमतों में भी लगभग 73% का उछाल देखा गया, जिसने निवेशकों को इसकी ओर और आकर्षित किया। अब निवेशकों के मन में यह सवाल है कि क्या साल 2026 में भी इन धातुओं में इसी तरह की तेजी बनी रहेगी या कोई बदलाव देखने को मिलेगा?
विशेषज्ञों की राय: 2026 के लिए Gold Price Outlook क्या कहता है?
आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के डायरेक्टर नवीन माथुर के अनुसार, साल 2026 में भी सोना और चांदी दोनों की स्थिति मजबूत बनी रह सकती है, हालांकि रिटर्न की रफ्तार थोड़ी सामान्य रहने की उम्मीद है। नवीन का मानना है कि कम ब्याज दरों और वैश्विक आर्थिक-राजनीतिक हालातों को देखते हुए सोना स्थिर प्रदर्शन करेगा। वहीं, औद्योगिक मांग में निरंतर वृद्धि के कारण चांदी, रिटर्न के मामले में सोने से आगे निकल सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
1BJA के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी का अनुमान है कि आने वाले समय में सोना ₹1.50 लाख से ₹1.65 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकता है। इसके साथ ही, चांदी में भी अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है और इसके दाम ₹2.30 लाख से ₹2.50 लाख प्रति किलोग्राम तक जा सकते हैं। इस उछाल को देखते हुए, Commodity Market में निवेश के अवसरों पर बारीक नजर रखना महत्वपूर्ण है।
सोने-चांदी की कीमतों में तेजी के प्रमुख कारण
सोने और चांदी की कीमतों में इस लगातार तेजी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक लगातार बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर इसकी मांग मजबूत बनी हुई है। दूसरी ओर, फैक्ट्रियों और विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में चांदी की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, जो इसकी कीमतों को ऊपर धकेल रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। भू-राजनीतिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति का दबाव भी इन धातुओं को एक सुरक्षित निवेश विकल्प बनाता है।
निवेशकों के लिए एक्सपर्ट्स की सलाह
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने में लंबे समय के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिससे औसत लागत पर फायदा मिल सके। सेनको गोल्ड के सुवंकर सेन ने बताया कि सोना बाजार में स्थिरता प्रदान करता है, जबकि चांदी में ज्यादा मुनाफा कमाने का अवसर है। साथ ही सिद्धार्थ जैन ने भी चांदी में SIP की सलाह दी है। उनका मानना है कि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव आता है, इसलिए एसआईपी एक बेहतर रणनीति हो सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
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