आयकर रिटर्न फाइल करने की 16 सितंबर की डेडलाइन अब पुरानी बात हो चुकी है, लेकिन अभी भी करोड़ों टैक्सपेयर्स में से लाखों ऐसे हैं, जिन्हें अपने हिस्से के रिफंड का बेसब्री से इंतजार है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भले ही अधिकांश लोगों के रिफंड जारी कर दिए हों, लेकिन अब भी लाखों की संख्या में लोगों का पैसा अटका पड़ा है. इस लंबी होती देरी के चलते टैक्सपेयर्स लगातार अपना स्टेटस चेक कर रहे हैं या फिर अपने सबमिशन की दोबारा जांच कर रहे हैं, लेकिन रिफंड तो दूर, कोई स्पष्ट जानकारी भी उन्हें नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है.
लाखों टैक्सपेयर्स को क्यों नहीं मिला रिफंड?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेशन (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने नवंबर में यह जानकारी दी थी कि आयकर विभाग कुछ रिफंड क्लेम का गहन विश्लेषण कर रहा है. सिस्टम ने इन्हें ‘हाई-वैल्यू’ या कुछ डिडक्शन क्लेम की वजह से ‘रेड-फ्लैग’ कर रखा है. चेयरमैन ने यह भी सुझाव दिया था कि यदि कोई समस्या है, तो टैक्स देने वाले ‘रिवाइज्ड रिटर्न’ भी फाइल कर सकते हैं. आयकर विभाग रिफंड की प्रक्रिया तभी शुरू करता है, जब आपका ITR सफलतापूर्वक ई-वेरिफाई हो जाता है. विभाग की वेबसाइट के अनुसार, इस कदम के पूरा होने के बाद, रिफंड आमतौर पर चार से पांच हफ्तों के भीतर आपके खाते में जमा हो जाता है. यदि आपके रिफंड मिलने में देरी हो रही है, तो इसके पीछे कुछ खास वजहें हो सकती हैं.
रिफंड में देरी की मुख्य वजहें क्या हैं?
यदि आपका रिफंड अटका हुआ है, तो इसकी कुछ प्रमुख वजहें हो सकती हैं, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है:
- बैंक खाते की जानकारी में गड़बड़ी: यदि आपके द्वारा दिया गया बैंक अकाउंट नंबर या IFSC कोड गलत है, तो रिफंड मिलने में देरी हो सकती है. यह सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता प्री-वैलिडेटेड है, ताकि पैसा सीधे आपके अकाउंट में आ सके.
- पैन और आधार से जुड़ी समस्या: यदि आपका पैन कार्ड और आधार कार्ड आपस में लिंक नहीं हैं, या फिर आपके नाम या जन्मतिथि में कोई त्रुटि है, तो रिफंड में देरी हो सकती है. इसके अलावा, यदि आपके फॉर्म में दी गई जानकारी फॉर्म 26AS या AIS में दी गई जानकारी से मेल नहीं खाती है, तो भी रिफंड अटक सकता है.
- गलत डिडक्शन या क्रेडिट क्लेम: रिफंड रुकने की एक और बड़ी वजह ITR में गलत डिडक्शन या क्रेडिट का क्लेम करना है. उदाहरण के तौर पर, यदि आपने 80C के तहत डिडक्शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस पर संदेह होता है, तो आपका रिफंड रोक दिया जा सकता है. ऐसे मामलों में, सही डॉक्यूमेंट्स जमा करने तक पैसा अटका रह सकता है.
ऐसे चेक करें अपने रिफंड का स्टेटस
यदि आप अपने आयकर रिफंड का स्टेटस जानना चाहते हैं, तो इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
- सबसे पहले इनकम टैक्स पोर्टल eportal.incometax.gov.in पर जाएं.
- ई-फाइलिंग पोर्टल के होमपेज पर अपनी यूजर-रजिस्टर्ड ID और पासवर्ड का उपयोग करके अपने अकाउंट में लॉग इन करें.
- लॉग इन करने के बाद, ऊपर ‘e-File’ वाले टैब पर क्लिक करें, फिर ‘Income Tax Returns’ और उसके बाद ‘View Filed Returns’ पर क्लिक करें.
- सही असेसमेंट ईयर (मूल्यांकन वर्ष) का चुनाव करें और ‘व्यू डिटेल्स’ (View Details) पर क्लिक करें. यहां आप अपने चुने हुए साल के लिए रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं.


