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दिसम्बर, 24, 2025

तनाव के बावजूद मजबूत India-Bangladesh Trade: भारत पर कितनी निर्भर है बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था?

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India-Bangladesh Trade: भारत और बांग्लादेश के बीच के रिश्ते इन दिनों नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग, छात्र नेता शरीफ उस्तान हादी की दुखद मौत और हिंदुओं पर लगातार बढ़ रहे अत्याचारों ने दोनों पड़ोसी मुल्कों के संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के तहत बांग्लादेश इस वक्त गहरे राजनीतिक संकट और घरेलू अशांति से जूझ रहा है। इस बीच, बांग्लादेश में भारत विरोधी नारे लग रहे हैं और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, जिन्हें ‘सेवेन सिस्टर्स’ कहा जाता है, को अलग करने की धमकियां भी दी जा रही हैं। हालांकि, इन सब के बावजूद दोनों देशों के मजबूत व्यापारिक संबंधों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दोनों देश एक-दूसरे से आवश्यक वस्तुओं का आदान-प्रदान करते हैं, और खासतौर पर, बांग्लादेश की भारतीय सामानों पर निर्भरता काफी अधिक है। आइए जानते हैं कि भारत के खिलाफ नारेबाजी करने वाले बांग्लादेशी किन-किन भारतीय उत्पादों पर निर्भर हैं।

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तनाव के बावजूद मजबूत India-Bangladesh Trade: भारत पर कितनी निर्भर है बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था?

India-Bangladesh Trade: भौगोलिक स्थिति और ऐतिहासिक जुड़ाव

सबसे पहले तो बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति ही उसे भारत के साथ एक महत्वपूर्ण रिश्ते में बांधती है। बांग्लादेश तीन तरफ से भारत से घिरा हुआ है, जिसके कारण इसे ‘इंडिया लॉक्ड’ मुल्क कहा जाता है। भारत और बांग्लादेश के बीच 4367 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो बांग्लादेश की कुल अंतरराष्ट्रीय सीमा का लगभग 94 प्रतिशत है। ऐसी स्थिति में, भारत के साथ इसका कारोबार काफी सुगम हो जाता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसके अलावा, बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक काम, बेहतर इलाज या अन्य उद्देश्यों के लिए भारत के विभिन्न शहरों में आते रहते हैं। साथ ही, बांग्लादेश अपनी रोजमर्रा की खाद्य-सामग्री के लिए भी भारत पर काफी हद तक निर्भर है। आइए देखते हैं कि बांग्लादेश भारत से क्या-क्या आयात करता है:

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खाद्य सुरक्षा में भारत की भूमिका

चावल बांग्लादेश भारत से बड़े पैमाने पर चावल खरीदता है। चावल भारत से निर्यात की जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी वस्तु है। बांग्लादेश बासमती के अलावा भारत से कई अन्य किस्मों के चावल का आयात करता है। हाल ही में, बांग्लादेश ने भारत और पाकिस्तान से कुल 100,000 टन चावल खरीदने की घोषणा की है। डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश का खाद्य मंत्रालय भारत की M/S पट्टाभि एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से 355.77 डॉलर प्रति टन की दर से 50,000 टन गैर-बासमती चावल खरीदने की प्रक्रिया में है। यह दिखाता है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध कितने गहरे हैं।

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चीनी बांग्लादेश सिर्फ चावल ही नहीं, बल्कि चीनी भी भारत से खरीदता है। भारत के अलावा, बांग्लादेश ब्राजील, थाईलैंड और पाकिस्तान से भी चीनी का आयात करता है, क्योंकि इसकी अपनी उत्पादन क्षमता मांग के मुकाबले सीमित है। बांग्लादेश में मेघना ग्रुप, सिटी ग्रुप और वसुंधरा ग्रुप जैसे घरेलू रिफाइनर भारत से कच्ची चीनी का आयात कर उसे परिष्कृत करते हैं, और फिर यह बाजार में उपलब्ध होती है।

आलू-प्याज भारत बांग्लादेश के लिए आलू और प्याज का भी एक बहुत बड़ा आपूर्तिकर्ता है। कारोबारी साल 2023-24 में भारत ने बांग्लादेश को लगभग 7.24 लाख टन प्याज निर्यात किए। वहीं, 2022-23 में 3.5 लाख टन आलू का निर्यात किया गया। ऐसे में भारत या भारतीय सामानों का बहिष्कार करने की बांग्लादेश की किसी भी ‘फिजूल की’ बात उसी पर भारी पड़ सकती है। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

मसाले बांग्लादेश अन्य अनाज और मसालों का भी एक महत्वपूर्ण आयातक है। मिर्च, हल्दी, जीरा, अदरक जैसे कई मसाले भारत से बांग्लादेश भेजे जाते हैं। इसके अलावा, प्याज, आलू, अदरक, लहसुन से लेकर कई अन्य प्रकार की सब्जियों और ताजे फलों के लिए बांग्लादेश भारत पर निर्भर है, जिससे उसकी खाद्य सुरक्षा में भारत की अहम भूमिका स्पष्ट होती है।

दवाइयां भारत से विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयां भी बांग्लादेश भेजी जाती हैं। एंटी-डायबिटिक से लेकर पैरासिटामोल, विटामिन-सी की गोलियां, ओमेप्राजोल जैसी कई जेनेरिक दवाएं भारत से बांग्लादेश पहुंचती हैं। इसके अतिरिक्त, भारत जीवन रक्षक दवाओं (लाइफ सेविंग्स ड्रग्स) और एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स) की भी बांग्लादेश में आपूर्ति करता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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उद्योग और ऊर्जा में भारतीय सहयोग

टेक्सटाइल बांग्लादेश रेडीमेड गारमेंट्स का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। इस उद्योग को चलाने के लिए धागों की आवश्यकता होती है, जिनका आयात भारत से किया जाता है। यही धागा बांग्लादेश की रेडीमेड गारमेंट्स इंडस्ट्री की रीढ़ की हड्डी है, जिस पर लाखों लोगों की आजीविका निर्भर करती है। इतना ही नहीं, भारत भी बांग्लादेशी कपड़ों के लिए एक बहुत बड़ा बाजार है। ऐसे में, यदि दोनों देशों के तनावपूर्ण रिश्तों का असर बांग्लादेश के इस प्रमुख उद्योग पर पड़ा, तो इससे वहां की पहले से ही दबाव में चल रही अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका लग सकता है।

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तेल बांग्लादेश भारत से तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का भी आयात करता है। भारत से तेल और ईंधन मंगाकर बांग्लादेश अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है। असम के नुमालीगढ़ से बांग्लादेश के पार्वतीपुर तक बिछी 131 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन के जरिए सालाना 1 मिलियन मीट्रिक टन हाई-स्पीड डीजल की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा, भारत का नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड से रिफाइंड क्रूड ऑयल को लेकर बांग्लादेश के साथ एक अनुबंध भी है। बांग्लादेश भारत से कई तरह के केमिकल्स भी खरीदता है। यह दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच ये रिश्ते कितने व्यापक और महत्वपूर्ण हैं, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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