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दिसम्बर, 26, 2025

भारत का बाहरी क्षेत्र: FDI प्रवाह में उतार-चढ़ाव और $1 ट्रिलियन निर्यात लक्ष्य की राह

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FDI: वैश्विक आर्थिक मंदी और बढ़ती अनिश्चितता के बीच, साल 2025 में भारत के बाहरी क्षेत्र ने एक मिली-जुली तस्वीर पेश की। एक ओर जहाँ भारत ने रिकॉर्ड $825 बिलियन का निर्यात हासिल किया, वहीं दूसरी ओर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह काफी अस्थिर रहा और कुछ महीनों में तो शुद्ध FDI नकारात्मक तक चला गया। यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या मायने रखती है, इसका गहन विश्लेषण आवश्यक है।

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# भारत का बाहरी क्षेत्र: FDI प्रवाह में उतार-चढ़ाव और $1 ट्रिलियन निर्यात लक्ष्य की राह

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## FDI प्रवाह में गिरावट के कारण और चुनौतियाँ

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अगस्त से अक्टूबर 2025 के बीच FDI में आई उल्लेखनीय गिरावट ने कई सवाल खड़े किए हैं। इस अवधि में विदेशी कंपनियों द्वारा भारत से पैसा वापस भेजने (Repatriation) और देश के बाहर किए गए निवेश (Outward FDI) ने शुद्ध FDI संख्याओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया। वैश्विक अनिश्चितता और उच्च ब्याज दरों के माहौल में, निवेशक अक्सर सुरक्षित ठिकानों की ओर रुख करते हैं, जिससे उभरती अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी प्रवाह प्रभावित होता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए FDI प्रवाह के महत्व को रेखांकित करती है। इसके बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था ने अपने कुछ क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन दिखाया।

इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और इंजीनियरिंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों ने भारत के वस्तु Exports को मजबूती प्रदान की। सेवाओं के निर्यात ने भी वैश्विक मंदी के बावजूद भारत को एक महत्वपूर्ण सहारा दिया, जिससे बाहरी क्षेत्र पर पड़ने वाले दबाव को कम करने में मदद मिली। इसके अतिरिक्त, यूके, ईएफटीए, ओमान और न्यूजीलैंड जैसे देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) ने व्यापार संबंधों को बढ़ावा दिया है और Exports के लिए नए रास्ते खोले हैं।

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लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है — क्या भारत वित्तीय वर्ष 2026 में $1 ट्रिलियन के महत्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगा?

यह भी पढ़ें:  भारत का विदेशी निवेश (FDI) और निर्यात परिदृश्य: 2025 की मिश्रित तस्वीर और 2026 की राह

## निर्यात लक्ष्य और भविष्य की संभावनाएँ

वर्ष 2026 में FDI की रिकवरी की संभावनाएँ कितनी मजबूत हैं, यह भी एक महत्वपूर्ण विचारणीय विषय है। सरकार द्वारा किए जा रहे आर्थिक सुधार, FDI उदारीकरण और एक स्पष्ट भविष्य का रोडमैप इस रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इन उपायों का उद्देश्य भारत को विदेशी निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य बनाना है, जिससे स्थिर और सतत पूंजी प्रवाह सुनिश्चित हो सके। यदि आप अर्थव्यवस्था, शेयर बाजार, यूपीएससी, बैंकिंग या समसामयिक मामलों में रुचि रखते हैं, तो यह विश्लेषण आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत को अपनी आर्थिक स्थिरता और विकास पथ पर बने रहने के लिए इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करना होगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देशज टाइम्स बिहार का N0.1 आपके लिए ऐसी ही गहन जानकारी लाता रहेगा।

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