back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 30, 2025

भारतीय अर्थव्यवस्था: भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी शक्ति, जापान को पछाड़ा

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

Indian Economy: नए साल की दहलीज पर खड़े भारत के लिए यह किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है। सरकार की ताजा वार्षिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जापान को पछाड़ते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण दर्जा हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि देश की आर्थिक प्रगति और वैश्विक मंच पर बढ़ती धाक को दर्शाती है।

- Advertisement -

भारतीय अर्थव्यवस्था: भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी शक्ति, जापान को पछाड़ा

भारतीय अर्थव्यवस्था: वैश्विक पटल पर भारत का बढ़ता कद

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 4.18 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ भारत अब वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर काबिज हो गया है। हालांकि, इसकी अंतिम आधिकारिक पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा की जाएगी, जिसके आंकड़े वर्ष 2026 की पहली छमाही में जारी होने की उम्मीद है। यदि यह मौजूदा विकास गति बनी रहती है, तो अगले ढाई से तीन वर्षों के भीतर भारत 7.3 ट्रिलियन डॉलर की अनुमानित जीडीपी के साथ जर्मनी को भी पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -

सरकार की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पिछले एक दशक में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग दोगुना हो चुका है और यह लगातार तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई, जो पिछले छह वर्षों में सबसे उच्चतम स्तर है। यह आंकड़ा भारत के आर्थिक लचीलेपन और मजबूत आंतरिक क्षमताओं का प्रमाण है।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  Multibagger Stock: ए-1 लिमिटेड ने दिया 3100% रिटर्न, अब बोनस शेयर और स्टॉक स्प्लिट का तोहफा!

वैश्विक व्यापारिक माहौल में मौजूद चुनौतियों के बावजूद, भारत की मजबूत घरेलू मांग ने अर्थव्यवस्था को असाधारण मजबूती प्रदान की है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में विकास दर 7.8 प्रतिशत रही थी, जबकि चौथी तिमाही में भी यह 7.4 प्रतिशत पर स्थिर बनी रही, जो एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि भारतीय बाजार अपनी आंतरिक शक्तियों पर निर्भर होकर भी लगातार विकास कर सकता है।

सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि मजबूत घरेलू मांग, संरचनात्मक और संस्थागत सुधार, एक संतुलित मौद्रिक नीति और कीमतों में स्थिरता ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अनुकूल ‘गोल्डीलॉक्स’ स्थिति बनाई है। इसका अर्थ है कि देश विकास और महंगाई के बीच एक आदर्श संतुलन बनाए हुए है। इसी वजह से, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही संस्थान यह अनुमान लगा रहे हैं कि आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूती के साथ उभरेगी और वैश्विक आर्थिक मंच पर इसकी भूमिका और भी सशक्त होगी, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/business/

भविष्य की संभावनाएं और वैश्विक दृष्टिकोण

यह निरंतर वृद्धि और स्थिरता भारत को वैश्विक निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बुनियादी ढांचे के विकास, डिजिटल परिवर्तन और विनिर्माण क्षेत्र में सरकार के प्रयासों से भविष्य में भी यह गति बनी रहेगी। भारत की युवा आबादी और बढ़ती क्रय शक्ति भी इस आर्थिक उछाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इन सभी कारकों को देखते हुए, भारत का लक्ष्य केवल एक बड़ी अर्थव्यवस्था बनना नहीं, बल्कि एक टिकाऊ और समावेशी विकास मॉडल स्थापित करना है। आने वाले समय में, भारत वैश्विक व्यापार और कूटनीति में एक केंद्रीय खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

Pradosh Vrat 2026: नए साल में दुर्लभ संयोग, पाएं शिव कृपा

Pradosh Vrat 2026: नए साल का पहला प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है,...

Bhagalpur News: नव निर्वाचित जिला परिषद अध्यक्ष विपिन मंडल का भव्य स्वागत, जनाकांक्षाओं का दिखा संगम

Bhagalpur News: चुनावी समर में विजय का पताका फहराने के बाद, उम्मीदों का नया...

Bokaro Literature Festival: ज्ञान की गंगा बहाने आ रहा ‘शब्द सरिता महोत्सव’, साहित्य और संस्कृति का होगा महासंगम

Bokaro Literature Festival: किताबें खामोश क्रांतियां हैं, जो हर मन में विचारों की चिनगारी...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें