Stock Market: साल के समापन से ठीक पहले भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए दिसंबर का आखिरी सप्ताह सुस्ती भरा रहा। लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए, जिसने वैश्विक अनिश्चितताओं और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के बीच बाजार की सतर्कता को दर्शाया। आइए जानते हैं क्या रहे बाजार के प्रमुख उतार-चढ़ाव और विशेषज्ञों की राय।
साल के अंत में Stock Market में सुस्ती: निवेशक रहे सतर्क, जानें प्रमुख शेयर और बाजार का रुख
साल की समाप्ति से पहले मंगलवार को घरेलू शेयर बाजारों में हल्की गिरावट के साथ सीमित दायरे में कारोबार हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली और वैश्विक बाजारों के कमजोर संकेतों से निवेशकों की धारणा प्रभावित रही। सेंसेक्स लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ 20.46 अंक (0.02%) फिसलकर 84,675.08 पर बंद हुआ। वहीं, बेंचमार्क निफ्टी 50 भी नाममात्र 3.25 अंक (0.01%) की गिरावट के साथ 25,938.85 पर स्थिर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स में करीब 336 अंकों का उतार-चढ़ाव देखा गया, जो साल के अंत की कम गतिविधि को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Stock Market में उतार-चढ़ाव और निवेशकों की रणनीति
मोतीलाल ओसवाल के सिद्धार्थ खेमका के अनुसार, वैश्विक संकेतों की अनिश्चितता, साल के अंत की सुस्ती और विदेशी पूंजी के बहिर्वाह के चलते निवेशक सतर्क बने रहे। रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने कहा कि निफ्टी सत्र के अधिकांश समय सीमित दायरे में ही बना रहा। इस दौरान निवेशकों ने बड़ी चाल से बचने की कोशिश की।
नुकसान में रहे शेयर:
* इटर्नल
* इन्फोसिस
* एशियन पेंट्स
* अल्ट्राटेक सीमेंट
* बजाज फाइनेंस
* एचसीएल टेक
* टाइटन
फायदे में रहे शेयर:
* टाटा स्टील
* महिंद्रा एंड महिंद्रा
* बजाज फिनसर्व
* एक्सिस बैंक
बीते पांच सत्रों में सेंसेक्स करीब 1.04% टूटा। स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.20% और मिडकैप में 0.05% की गिरावट रही। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2,759.89 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 2,643.85 करोड़ रुपये की खरीदारी की। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
बाजार के प्रमुख संकेत और आगामी वर्ष की उम्मीदें
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 62.23 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर रही, जो वैश्विक आर्थिक संकेतों पर नजर रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। कुल मिलाकर, साल 2025 का समापन भारतीय शेयर बाजार में सतर्कता और सीमित उतार-चढ़ाव के साथ हुआ, जहां निवेशक नए साल में बड़े संकेतों का इंतजार करते दिखे। आगामी केंद्रीय बैंक की नीतियों, भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और कंपनियों के तिमाही परिणामों का असर नए साल के बाजार पर स्पष्ट रूप से देखने को मिल सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।






