Stock Market: केंद्रीय बजट से ठीक एक महीने पहले इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) के शेयरों में आया जबरदस्त उछाल निवेशकों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। रेलवे सेक्टर में सरकार के बढ़ते पूंजीगत व्यय की उम्मीदें इस पीएसयू स्टॉक को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं, जिससे निवेशक एक बार फिर लंबी अवधि के मजबूत रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं।
Stock Market: IRFC के शेयरों में आया जबरदस्त उछाल: क्या रेलवे सेक्टर बनेगा 2024 का नया गेमचेंजर?
Stock Market की नई रफ्तार: IRFC में क्यों दिख रही है तेजी?
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, शुरुआती कारोबार में IRFC का शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर करीब 7 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 130.50 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस उछाल ने इसे रेलवे पीएसयू सेक्टर का सबसे अधिक लाभ देने वाला शेयर बना दिया, जिसने निवेशकों को एक सकारात्मक संकेत दिया है। सरकार द्वारा रेलवे क्षेत्र में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) को लगातार प्राथमिकता दिए जाने की प्रबल संभावनाओं ने IRFC को लेकर निवेशकों का विश्वास मजबूत किया है। रेलवे से जुड़ी दीर्घकालिक योजनाओं और मजबूत नीति समर्थन के कारण इस स्टॉक के निवेश पक्ष को एक बार फिर बड़ी मजबूती मिलती नजर आ रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
रेलवे शेयरों में आई इस तेजी के पीछे आगामी बजट को लेकर बना आशावादी माहौल एक बड़ी वजह माना जा रहा है। लंबे समय तक सीमित दायरे में कारोबार करने के बाद, IRFC का शेयर अब संभावित कैपेक्स बढ़ोतरी की उम्मीदों के चलते ऊपर चढ़ रहा है। इतिहास भी गवाह रहा है कि केंद्रीय बजट से पहले रेलवे से जुड़े शेयरों में तेजी देखने को मिलती है, जिसकी मुख्य वजह सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने की उम्मीद होती है। चूंकि IRFC ही रेलवे के खर्च, नेटवर्क विस्तार, रोलिंग स्टॉक और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाने की जिम्मेदारी निभाती है, इसलिए बजट में रेलवे आवंटन बढ़ने का सीधा फायदा इस कंपनी को मिलने की संभावना रहती है।
IRFC में क्यों बढ़ रहा है निवेशकों का भरोसा?
IRFC को लेकर बाजार की धारणा में सुधार की एक अहम वजह इसकी फंडिंग प्रोफाइल को लेकर बढ़ती स्पष्टता भी है। अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के मुकाबले, जहां परियोजनाओं में देरी का जोखिम अधिक रहता है, IRFC का बिजनेस मॉडल अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है। इसकी आय भारतीय रेलवे के साथ किए गए दीर्घकालिक समझौतों पर आधारित है, जिससे कंपनी के नकदी प्रवाह में स्थिरता बनी रहती है। यही कारण है कि अनिश्चित शेयर बाजार माहौल में भी निवेशक इसे एक रक्षात्मक और भरोसेमंद विकल्प के रूप में देख रहे हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
IRFC पर निवेशकों का भरोसा बढ़ने के पीछे ब्याज दरों में स्थिरता और उधारी लागत के नियंत्रण में रहने की उम्मीदें भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इससे मार्जिन और लंबे समय तक मुनाफे को लेकर पहले बनी चिंताएं काफी हद तक कम हुई हैं। साल 2025 में IRFC के शेयरों का प्रदर्शन व्यापक बाजार की तुलना में कमजोर रहा था और पहले की तेजी के बाद मुनाफावसूली के चलते यह दबाव में आ गया था, लेकिन इसी वजह से अब इसका वैल्यूएशन निवेशकों को आकर्षक स्तर पर नजर आ रहा है। ऐसे निवेशक जो स्थिर रिटर्न, नियमित डिविडेंड और मजबूत सरकारी समर्थन वाले पीएसयू शेयरों की तलाश में हैं, उनके लिए IRFC एक उपयुक्त विकल्प बनकर उभर रहा है। हालिया तेजी यह संकेत देती है कि इसमें अल्पकालिक सट्टेबाजी के बजाय दीर्घकालिक निवेश के नजरिये से दोबारा हिस्सेदारी बढ़ाई जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
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