नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब आप अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को आसानी से किसी को तोहफे में दे सकते हैं या फिर वसीयत के जरिए ट्रांसफर कर सकते हैं, वो भी बेहद कम लागत पर। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा हाल ही में नियमों में किए गए बदलावों ने इस प्रक्रिया को न केवल सरल बनाया है, बल्कि अनावश्यक टैक्स के बोझ को भी खत्म कर दिया है।
पहले, अगर कोई निवेशक अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को किसी को तोहफे में देना चाहता था, या उसमें कोई संयुक्त धारक जोड़ना चाहता था, या फिर मृत्यु के बाद संपत्ति के हस्तांतरण (Inheritance) के मामलों में यूनिट्स ट्रांसफर करना चाहता था, तो उसे अपने यूनिट्स बेचने पड़ते थे। यूनिट्स बेचने पर होने वाले मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगता था, जिससे यह प्रक्रिया काफी महंगी साबित होती थी। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी निवेशक को यूनिट्स बेचने पर दस लाख रुपये का मुनाफा हुआ है, तो उसे तकरीबन एक लाख पच्चीस हजार रुपये तक का कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ सकता था।
टैक्स के बोझ से मुक्ति, सरलीकरण पर जोर
नए नियमों के लागू होने के बाद, अब डीमैट (Demat) और स्टेटमेंट ऑफ अकाउंट (Statement of Account) दोनों तरह की यूनिट्स को बिना बेचे आसानी से तोहफे में दिया या ट्रांसफर किया जा सकता है। इसका सीधा मतलब यह है कि वसीयत, विरासत या संयुक्त धारक में बदलाव जैसे मामलों में अब पहले की तरह टैक्स का बोझ नहीं पड़ेगा। इस नियम के बदलाव ने परिवारों के भीतर म्यूचुअल फंड निवेश को हस्तांतरित करने की सबसे बड़ी बाधा को दूर कर दिया है, जिससे यह पूरी प्रक्रिया काफी सस्ती हो गई है।
कल्पना कीजिए, अगर किसी निवेशक ने दस लाख रुपये का लाभ कमाया है और वह इन यूनिट्स को अपने ऐसे वयस्क बच्चे को तोहफे में देता है, जिसकी कोई आय नहीं है, तो पूरा लाभ टैक्स-फ्री रह सकता है। यह बदलाव विशेष रूप से उन परिवारों के लिए फायदेमंद है जो अपनी वित्तीय संपत्ति को अगली पीढ़ी को आसानी से हस्तांतरित करना चाहते हैं।
पारिवारिक वित्तीय नियोजन के लिए अहम कदम
म्यूचुअल फंड भारतीय परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय संपत्ति बन गए हैं। समय के साथ, इन फंडों में निवेश बढ़ा है, लेकिन इनके तोहफे और विरासत हस्तांतरण से जुड़े नियम वर्षों से पुराने पड़े थे। हालिया बदलावों ने इस ढांचे को आधुनिक बनाया है, जिससे यह समकालीन वित्तीय जरूरतों के अनुरूप हो गया है। यह सुधार न केवल मौजूदा निवेशकों को लाभान्वित करेगा, बल्कि भविष्य में म्यूचुअल फंड को संपत्ति नियोजन का एक अभिन्न अंग बनाने में भी मदद करेगा।
यह नया ढांचा परिवारों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे संपत्ति का हस्तांतरण बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय बोझ के सुचारू रूप से हो सकेगा।








