NPS: साल 2025 नेशनल पेंशन सिस्टम से जुड़े निवेशकों के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष रहा है, जिसने रिटायरमेंट प्लानिंग के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। इस दौरान सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA ने कई ऐसे अहम और दूरगामी बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य स्कीम को न सिर्फ अधिक सुरक्षित बल्कि कहीं ज्यादा लचीला और निवेशक-अनुकूल बनाना है। इन परिवर्तनों से भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए रास्ते खुले हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो बेहतर रिटर्न और निकासी में अधिक स्वतंत्रता चाहते हैं।
NPS में बड़े बदलाव: 2025 ने कैसे बदली आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग?
NPS: इक्विटी निवेश और निकासी नियमों में क्रांतिकारी परिवर्तन
साल 2025 में नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत हुए सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और निवेशकों को 1 अक्टूबर 2025 से अपनी नई जमा राशि को 100 फीसदी इक्विटी में निवेश करने का मौका देना है। यह उन निवेशकों के लिए एक गेम-चेंजर है जो लॉन्ग टर्म में उच्च रिटर्न की तलाश में हैं और अधिक जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। इससे पहले, यह सीमा 75 प्रतिशत थी। यह बदलाव बाजार से जुड़े लाभों का अधिकतम लाभ उठाने का अवसर प्रदान करता है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इसके साथ ही, रिटायरमेंट के समय पैसे निकालने के नियमों को भी काफी सरल बनाया गया है। पहले कुल जमा राशि का कम से कम 40 फीसदी हिस्सा एन्युटी (पेंशन) में लगाना अनिवार्य था, लेकिन नए नियमों के तहत कई मामलों में इसे घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि अब निवेशक अपनी जमा राशि का 80 फीसदी तक हिस्सा एक साथ या किस्तों में निकाल सकते हैं। यह नियम सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय योजनाओं को अधिक लचीलापन देता है और निवेशकों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार धन का उपयोग करने की अधिक स्वतंत्रता मिलती है।
केंद्रीय कर्मचारियों और गिग वर्कर्स को तोहफा: नए विकल्प और वित्तीय सुरक्षा
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी NPS में निवेश के नए और आकर्षक विकल्प जोड़े गए हैं। अब कर्मचारी LC75 और बैलेंस्ड लाइफ साइकिल फंड जैसे इक्विटी निवेश विकल्पों में भी निवेश कर सकते हैं। इन स्कीमों की खासियत यह है कि इनमें उम्र बढ़ने के साथ इक्विटी का जोखिम धीरे-धीरे कम होता जाता है, जिससे रिटायरमेंट के समय तक निवेश और भी अधिक सुरक्षित हो जाता है। यह सुविधा केंद्रीय कर्मचारियों को उनकी जोखिम क्षमता और आयु के अनुसार अधिक अनुकूल निवेश विकल्प चुनने में मदद करती है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने गिग वर्कर्स को NPS से जोड़ने की महत्वपूर्ण पहल की है। विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के इन श्रमिकों को भी अब रिटायरमेंट पर आर्थिक सुरक्षा मिल सकेगी। यह कदम देश की बढ़ती गिग इकॉनमी को देखते हुए बेहद प्रासंगिक है और लाखों श्रमिकों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
NPS से बाहर निकलते समय भी निवेशकों को अब पहले से कहीं अधिक लचीलापन मिला है। नए नियमों के अनुसार, अब 80 फीसदी तक की राशि निकाली जा सकती है और कुछ विशेष परिस्थितियों में निवेशकों को पूरी 100 प्रतिशत रकम निकालने की भी अनुमति दी गई है। यह वित्तीय स्वतंत्रता रिटायरमेंट के बाद पैसों के बेहतर प्रबंधन में सहायक होगी। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इन सभी बदलावों का समग्र प्रभाव यह है कि NPS अब न केवल अधिक आकर्षक बन गया है, बल्कि यह निवेशकों की बदलती जरूरतों और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए भी बेहतर तरीके से तैयार है। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग अधिक सुरक्षित, अधिक लचीली और अंततः अधिक फलदायी हो।



